उदास रातो मे मैने हंसी का एक फूल चुराया है गमों के कैद से जिदंगी का एक पल छुडाया है ........................ एक खुशी की तलाश के लिए कितने कांटे चुभाए है एक मंजिल को पाने के लिए कितने सपने पिरोए है ........................ दिल के दर्द को दूर करने के लिए कितने बहाने बनाए है जिदंगी से प्यार करने के लिए कितने रास्ते अपनाए है ........................ मौसम की बहारों से हमनें बहुत कुछ सिखा है मुश्किलों के वक्त भी खुद को पिछे हटने से रोका है .......................... किसी के भरोसे को बनाए रखना मिली मुझे ये सिख है ये दुनिया भरोसे पर चलती है यही दुनिया की रीत है
High on the pedestal of loneliness she gazes at the stars, in her dreams, laying forgotten besides her. Choking & suffering in her own bubble her soul weeps in corner, insides her four walked existence.