रेंत का मुसाफिर हूँ में,रेगिस्तान का बाशिन्दा हूँ।आब कहाँ "अजाब" कहो,फिर बर्बादियों पे नाजाँ हूँ। -
रेंत का मुसाफिर हूँ में,रेगिस्तान का बाशिन्दा हूँ।आब कहाँ "अजाब" कहो,फिर बर्बादियों पे नाजाँ हूँ।
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मंज़िल ही है शायद, या फिर कैफ है सफर का।गर तुम कहो तो पड़ाव ही कह दूं तुम्हे ए ज़िन्दगी,या फिर आखिरी स्टेशन कह दूं तुझे आखिरी सफर का। -
मंज़िल ही है शायद, या फिर कैफ है सफर का।गर तुम कहो तो पड़ाव ही कह दूं तुम्हे ए ज़िन्दगी,या फिर आखिरी स्टेशन कह दूं तुझे आखिरी सफर का।
मैंने खींची हुई तुम्हारी हर तस्वीरों पर,पेन से लिखी हुई वोह तारीखें देखकरयाद आया जो कहा हुआ था तुम्हे कि,खींचने दो! कल तुम सिर्फ यहीं दिखोगी। -
मैंने खींची हुई तुम्हारी हर तस्वीरों पर,पेन से लिखी हुई वोह तारीखें देखकरयाद आया जो कहा हुआ था तुम्हे कि,खींचने दो! कल तुम सिर्फ यहीं दिखोगी।
गर इश्क़ ही ईमान है तो फर्क क्या,एक फरीक ही काफी है निभाने को। -
गर इश्क़ ही ईमान है तो फर्क क्या,एक फरीक ही काफी है निभाने को।
यही आदतें हैं, इन आँखों की पुरानी,बेवक्त है फिरसे, ये बारिश आसमानी। -
यही आदतें हैं, इन आँखों की पुरानी,बेवक्त है फिरसे, ये बारिश आसमानी।
कुछ वक्त संभालना आज मुजे,कुछ देर तलक आज साथ रहना।राहें अलग है जानता हूँ 'अजाब',चौराहे तक ही सही...साथ चलना। -
कुछ वक्त संभालना आज मुजे,कुछ देर तलक आज साथ रहना।राहें अलग है जानता हूँ 'अजाब',चौराहे तक ही सही...साथ चलना।
एक उम्र गुज़र गयी फिरजवानियों की क्या कहें ।बसंती हवाएं ज़िंदा तो रही,सिर्फ "अजाब" के ख्वाबों में। -
एक उम्र गुज़र गयी फिरजवानियों की क्या कहें ।बसंती हवाएं ज़िंदा तो रही,सिर्फ "अजाब" के ख्वाबों में।
अहद-ए-शबाब की बातें क्या कहें,बात 'अजाब' अब रात ही रात है। -
अहद-ए-शबाब की बातें क्या कहें,बात 'अजाब' अब रात ही रात है।
तमन्ना न रही कुछ उसकी अबन "अजाब" के वो आसूं रहे हैं।शरीक-ए-दर्द न रहा कोई अब,बीमार दिल ही अब हकीकत है। -
तमन्ना न रही कुछ उसकी अबन "अजाब" के वो आसूं रहे हैं।शरीक-ए-दर्द न रहा कोई अब,बीमार दिल ही अब हकीकत है।
ओमप्रकाश वाल्मीकि जी की कवितायज्ञों में पशुओं की बलि चढ़ाना किस संस्कृति के प्रतीक हैं मैं नहीं जानता शायद आप जानते हों! अर्थ बदलकर शब्दों के। #omprakashvalmiki #DeathAnniversary -
ओमप्रकाश वाल्मीकि जी की कवितायज्ञों में पशुओं की बलि चढ़ाना किस संस्कृति के प्रतीक हैं मैं नहीं जानता शायद आप जानते हों! अर्थ बदलकर शब्दों के। #omprakashvalmiki #DeathAnniversary