हर पल खुद को मजबूत दिखाना पड़ता है।
हर दुख बिना सिकन के सहना पड़ता है।
रोना भी इनके लिए गुनाह हो जाता है।
बिना आंखें नम किये हर पीड़ा से जीतना पड़ता है।
यह लड़के हैं जनाब...
थोड़ा बड़े होते ही इन्हें ताना पड़ता है।
कभी घर से बाहर तो कभी घर में रहने तक पर भी सुनना पड़ता है।
सच्चे प्यार में भी टूट कर पछताना पड़ता है।
कभी खुद से, कभी परिवार से, कभी दुनिया से, तो कभी किस्मत से लड़ना पड़ता है।
कई बार बिना गलती के भी सर झुकाना पड़ता है।
ये लड़के हैं जनाब...
इन्हें भी बहुत बातों के लिए ताना पड़ता है।
खुद की ख्वाहिशों को मार कर दूसरों की इच्छा पर जीना पड़ता है।
खुद की आजादी छोड़कर मजबूरियों की गुलामी में बंधना पड़ता है।
ये लड़के हैं जनाब...
इनके सीने में भी दिल धड़कता है।
पर अफसोस कि लोग समझते हैं।
इनके दिल में पत्थर बसता है।
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