Priya Jaiswal   (Pihu)
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Joined 5 January 2020


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Joined 5 January 2020
22 JAN 2022 AT 10:45

जिंदगी की बेरुखी और दिलों की आशिकी,
जीने कहां देती है।
करो जतन जितना इनसे दूर भागने की,
जीते-जी मार ही डालती है।।

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6 DEC 2021 AT 9:50

खुदा ने रहमत बरसाई है मुझपर तुम्हें सौंप कर,
करूंगी हिफाज़त तुम्हारी मैं हर मुश्किलें पार कर,
रोक ना पाएंगे ये दुनियादारी के रिश्ते-नाते मुझे,
करूंगी तुमसे मोहब्ब़त मैं सारी हदें पार कर।

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30 AUG 2021 AT 15:23

मुक्क़मल होती कहां हैं दिलों की आशीकी!
कभी रूह को चाह कर देखो, क्या पता आबाद हो जाए!!

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9 AUG 2021 AT 23:01

और कितना निहारूं तुम्हें,
बंद आंखों से भी नज़र आते हो।
इश्क़ की गुस्ताखियां तो देखो,
जुदा हो के भी इतना याद आते हो।।

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19 MAY 2021 AT 17:56

नज़र उठा के देखो दोस्त,
ये शायरों की बस्ती ही है,
अगर यहां जज़्बातों को समझने वाले ना होते,
तो आप भी अपने जज़्बात यहां बांटा ना करते।

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18 MAY 2021 AT 18:33

खतरे में है देश हमारा,
आया है वक्त बुरा हमारा,
पर नहीं है घबराना,
और ना ही खोना धैर्य हमें है,
रखना है खुद पर‌ विश्वास,
और लेनी है सिर्फ एक शपथ...
पड़ेगी ज़रूरत जब तक हमारी,
घर में रहेंगे, और मिटा देंगे ये महामारी।

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28 FEB 2021 AT 13:57

जो पूरी हो जाए अगर मोहब्बत तुम्हारी,-2
तो मान लेना गलतफहमी है ये तुम्हारी।
मुक्कमल जो हो जाए मोहब्ब़त,-2
वो किस्मत में होती नहीं,
और जो किस्मत में होती है हमें उससे मोहब्ब़त होती नहीं।।

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10 JAN 2021 AT 10:36

मोहब्बत के पैमाने कई हैं,
इश्क़ के मायने कई हैं,
निभाने वालों के तरीके कई हैं,
हम तो ठहरे दिल हारे हुए,
हमारा क्या है,
हमारे भी जज़्बातों के चेहरे कई हैं।

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21 DEC 2020 AT 16:12

जन्मदिन मेरा है और खुशी तुम्हारे चेहरे पर झलक रही है,
साल भर इन्तज़ार मैंने किया इस दिन का और बेसब्रों की तरह नाच तुम रहे हो,
ये सिर्फ इश्क़ का फितूर है,
या ज़िंदगी सच में गुलज़ार हो रही है!!

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13 DEC 2020 AT 16:33

शब्दों की क्या औकात जब बात जज़्बातों की आती है,
महक उठता है जग सारा जहां इश्क़ की खुशबू रूह से आती है।

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