प्रिंस शुक्ला  
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मैं एक काल्पनिक व्यक्ति हूँ, वास्तविक जीवन से मेरा कोई लेना देना नहीं है.🙏
Joined 16 June 2018


मैं एक काल्पनिक व्यक्ति हूँ, वास्तविक जीवन से मेरा कोई लेना देना नहीं है.🙏
Joined 16 June 2018

खुद की समझदारी ही मायने रखती है,
वरना अर्जुन और दुर्योधन के गुरु एक ही थे।

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इधर से छेड़ रही मस्त हवा फागुन की
उधर तुम्हारी अल्को की पुरवाई हैं,
इधर बसंत में बौरा रही हैं अम्राई,
उधर जवानी है की तुम्हारी की बौरायी हैं,
इधर खिली खिली हैं धूप चारों और,
और उधर तुम्हारे चेहरे की अरुणाई हैं,
इधर जब देखू लगता हैं की फागुन आया,
उधर जब देखू लगता हैं होली आयी है!

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Aap prime kharidane ko bologe
Hum Ad dekhenge😂

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अक़्सर जहाँ तनख़्वाह कम होती है,
वहाँ सीख बहुत ज़्यादा मिलती है।

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वक़्त बदल गया है अब बेटियाँ नहीं बेरोज़गार लड़के माँ-बाप के कंधों पर बोझ होते हैं।

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बेरोज़गारी छीन लेती है युवा लड़कों से घर बनाने का और घर बसाने का अधिकार।

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मंदिर में दाना चुगकर चिड़िया मस्जिद में पानी पीती है, मैंने सुना है राधा की चुनरी कोई सलमा बेगम सीती है।

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जो आपसे किसी की बुराई करता है,
वो किसी और से आपकी भी बुराई करेगा।

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लड़की बड़ी सिर्फ़ शादी के लिए होती है,
बाकी कामों के लिए वह हमेशा छोटी ही रहती है।

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तबाही केवल युद्ध ही नहीं लाता,
मैंने प्रेम में भी उजड़े हुए घर देखे हैं।

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