कुछ इंसान एक चोट से टुकड़ों मे बटते है ....
फिर भी उनके टुकड़ों मे भी सबको देने के लिए बहुत कुछ होता है ...
फिर होता ये है की सब उसके एक एक टुकड़ों को अपने सवार्थ के लिए चूर चूर करते है ....
और वो इंसान फिर खाली सा हो जाता है ...
शायद इसे ही जीवन मे मृत्यु केहते है .....
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