आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है वो
पर पीछे खींच लाने के लिए यादें ही काफी है ना
पर अब सोच लिया है उसने भी आगे बढ़ना ही काफी है ना
जिंदगी है ना बेरंग कैसे हो जाएगी
वक्त के साथ ना एक बार फिर वो मुस्कुराएंगी
हां कहीं खो चुकी है वो
मानों जिंदगी जीना भूल चुकी है वो
कुछ दिन की तो बात है
फिर उसकी यादों से भी वो आजाद है
उसे कुछ दिन अकेला रहने तो दो
उसकी यादों को अलविदा कहने तो दो
भटक गई है ना थोड़ा वक्त तो दो संभल जाएगी
जिंदगी है ना बेरंग कैसे हो जाएगी
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