Pravin Yadav   (अपने-सपने)
41 Followers · 40 Following

सपनों में कभी कोई मंजिल नजर नहीं आती हैं,
क्योंकि जिंदगी तो उसे खोजने का एक सफर हैं!
Joined 10 February 2019


सपनों में कभी कोई मंजिल नजर नहीं आती हैं,
क्योंकि जिंदगी तो उसे खोजने का एक सफर हैं!
Joined 10 February 2019
2 NOV 2023 AT 18:07

बिकती हैं आजकल मोहब्बत भी बाजारों में,
जिस्म के सौदे में तो सिर्फ बेवफाई चलती हैं!
ठहरा नही करते ये आशिक अब इंतजार में,
दास्तां-ए-इश्क भी बस किताबों में मिलती हैं!

-


21 OCT 2023 AT 10:21

बदलती नही हैं किस्मत यूंही हमारे चाहने से,
इंतजार में तो बस कुछ सवाल बदल जाते हैं!
मिटती कहां हैं जिंदगी यूंही सिर्फ दफनाने से,
जिस्म तो वही हैं बस ये मज़ार बदल जाते हैं!

बेवफ़ा नही होती कभी शमा किसी परवाने से,
इम्तिहान में तो बस कुछ शिकवे जल जाते हैं!
कोई मन्नतें मांगते रह जाता हैं यूंही उम्र भर,
और किसी को खैरात में ख़्वाब मिल जाते हैं!

-


15 OCT 2023 AT 21:49

तू चाहे खाक कर दे जिंदगी को यूंही जलाकर,
ख्वाहिशें अगर जिंदा हैं तो फिर जला ही क्या?
सुलगा भी ना सका इन अंगारों पर कुछ ख्वाब,
तो फिर ये जिंदगी जलाकर तुझे मिला ही क्या?

-


9 OCT 2023 AT 20:11

ना तो इन जरूरतों ने कोई तमाशा किया,
नाही इन जहमतों ने कोई दिखावा किया!
यूंही दम तोड़ती रही ख्वाहिशें जिंदगीभर,
बस ना कोई अर्ज ना कोई तकादा किया!

-


2 OCT 2023 AT 23:42

कतरा कतरा ख्वाहिशें जलती हैं!
कतरा कतरा जिंदगी बदलती हैं!
जीत के जश्न से पहले आजकल,
कतरा कतरा यहां उम्र ढलती हैं!

-


11 SEP 2023 AT 22:08

जिंदगी के हर सफर को वो अपनी मंजिल कह गया,
मुसाफ़िर था जो कभी अब महज मुहाजिर रह गया!

-


6 SEP 2023 AT 23:32

रंजिशों से गुजरती हैं आज कल हर मुलाक़ात,
मिले जो कोई मंज़िल तो ठहरना भी जरूरी हैं!
मुंतज़िर कहां रहता हैं समंदर किसी कश्ती का,
नसीब ना हो साहिल तो गुजरना भी जरूरी हैं!

-


27 AUG 2023 AT 15:08

मंजूर हो जाए मोहब्बत कुछ इस कदर,
उसकी तमन्ना की ख़्वाहिश भी ना रहे!
मजबूर हो जाए किस्मत का ये फैसला,
फरियादों की कोई साज़िश भी ना रहे!

कामिल करना वो हर एक मुलाकात ऐसे,
जिंदगी में यादों की गुज़ारिश भी ना रहे!
और गुजर जाए अगर ये इश्क ए तूफ़ान,
तो पीछे जज्बातों की नुमाइश भी ना रहे!

-


25 AUG 2023 AT 20:49

कभी वक्त से गुजरी तो कभी वक्त ने गुजारी हैं,
यहां पर जिंदगी की भी कुछ अजीब खुमारी हैं!
शाम विदा नहीं करती ख्वाहिशों को आज कल,
फिर भी ख्वाबों का इम्तिहान पूरी रात जारी हैं!

-


24 AUG 2023 AT 23:03

मुलाकात कहां होती हैं आज कल रूहानियत से,
कोई रूह भी यहां रूह की कहानी नहीं समझती!
दिल बहाता हैं जज्बातों को कलम की नोक पर,
फिर भी दुनिया शायर की ज़ुबानी नहीं समझती!

-


Fetching Pravin Yadav Quotes