मैं हिंदी में पढ़ता लिखता मुझे, अंग्रेजी बिलकुल नहीं आती
थोड़ी बहुत अंग्रेजी पढ़ लेता ,उससे मेरी ख्याति बढ़ जाती
विडंबना है अपने देश की जहां, नई पीढ़ी को हिंदी नही आती
अंग्रेजी बढ़ाए सबकी शोभा और हिंदी से ख्याति बिगड़ जाती
बोलवाला देखो अंग्रेजी का , हिंदी को यहां तुच्छ माना जाता
अंग्रेज़ी बोलने वाला जेंटलमैन,हिंदी भाषी गंवार समझा जाता
योग्यताओं में पहले अंग्रेज़ी, फिर दूसरे पैमानों को आंका जाता
गर अंग्रेजी ही है पहचान तो हिंदी को क्यों राष्ट्रभाषा माना जाता
आज जमाना है आधुनिकता का, अंग्रेजी का गजब कमाल है
भाषा से ही होती पहचान अब क्या, मेरे मन में आता ये ख्याल है
अंगेजी आती है या नही, सबसे पहले पूंछा जाने वाला सवाल है
हिन्दी का अस्तित्व डगमगा रहा, अंग्रेज़ी का देखो मचा बवाल है
हिंदी से ही मैंने बोलना सीखा, बचपन से हिंदी को ही पहचाना है
शुद्ध,सरल, भावों से पूर्ण भाषा, अक्सर हिंदी को मैंने माना है
अत्याधुनिकता के चक्कर में देखो ,कैसे बदला अब यह जमाना है
अंग्रेज़ी सब सीख लो आजकल, योग्यता का यही बस पैमाना है
-