यूं तो हजार किस्से है सुनाने को पर तेरी यादों का किस्सा अनोखा है यूं तो हजार गम है सुनाने को पर तेरा दिया हुआ गम अनोखा है यूं तो जिंदगी दर्द से घिरी है पर तेरे दिए हुए दर्द का कोई मरहम नहीं है।
यूं बेवक्त की नाराज़गी सही नहीं जाती यूं बेवक्त की लड़ाई लड़ी नहीं जाती माना हम एक दूसरे से दूर है हर पल मोहब्बत का सबूत मांगोगे अब नहीं है चाह किसिकी भी यूं बेवक्त की सफाई दी नहीं जाती।