Praneet Naidu   (Praneet Naidu)
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Joined 20 December 2017


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Joined 20 December 2017
26 DEC 2021 AT 0:41

लंबा वक़्त बीत गया तुमको पहचानकर,
तुम नही होगी मेरी इसको जानकर,
तस्वीर देखकर तकदीर में चाहते हैं तुमको,
बस कुछ जन्मो के लिए आजाओ अपना मानकर

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14 DEC 2021 AT 23:48

खुदा को खत भेजू,
कब मुझसे कहेगा के झेलना बंद कर,
मैं तुझसे कहता हूँ कि खेलना बन्द कर,
तकलीफों की कोई तो सीमा होती होगी ना,
तड़पाने की कोई तो गरीमा होती होगी ना,
हारा नही हु मै बस टूट रहा हूं,
विश्वास तो है बस रूठ रहा हू मै.

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11 DEC 2021 AT 0:48

नजाने कब ये इश्क़ हुआ,
दो दिलो में हलचल होने लगी,
वो मेरे पास आता गया,
नामालूम कब उसकी होने लगी,
ना सोचा था के होगा राबता,
मैं फिर भी खुदको खोने लगी,
तुझमे मुझको दिलदार दिखा,
मेरे मनपसंद का यार दिखा,
फासले कम होते गए,
हम एक दूजे के होते गए
आखिरकार रात आगयी,
जो ज़ुबान पे थी वो बात आ गयी
मुझको लेने मंडप पे तेरी बारात आगयी,
खुदा ने सुनकर मेरी दुआ इंतेज़ाम किया,
तेरे दिलको मेरे नाम किया

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8 DEC 2021 AT 1:10

आंखों को जगाकर मै खुद ही दुखाता हू,
होकर हताश मै खुद ही झुकाता हू,
इंसान हू मै साहब और क्या कहूँ,
खुद गलती करके खुद ही से छुपाता हूँ

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6 DEC 2021 AT 21:45

अच्छाई का मेरी ना फायदा उठाना,
मै अक्सर तमीज़ में रहता हूँ कबसे,
फिर मेरी बुराई का कायदा उठाना,
बस इतनी सी बात कहनी है सबसे

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4 DEC 2021 AT 14:21

जानता हूं मैं,
सब नही बस कोई एक चुन,
पूरी करने में मन्नत कभी तो नेक चुन,
कभी तो हमारी भी देख सुन,
उम्मीद नही टूटने देगा ये मानता हूं मै,
खुदा मददगार है जानता हूं मैं.

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29 NOV 2021 AT 23:35

आंखों में नींद है मगर आती क्यू नही,
ज़िन्दगी लकीरो को बताती क्यू नही,
तकदीर को थोड़ा सा तो बदलना होगा,
किस्मत ऊपर वाले को समझाती क्यू नही

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25 NOV 2021 AT 23:46

मजबूरी लगती है ज़िन्दगी
साथ दोस्त यार चाहिए,
अधूरी लगती है कभी
साथ सच्चा प्यार चाहिये,
बहुत नाकामयाबी देख रहे हैं ज़िन्दगी,
जो अच्छी खबर सुनाए वो अखबार चाहिए

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16 NOV 2021 AT 13:09

गुज़ारिश है दिल दुखाकर के जा,
इसी बहाने चेहरा दिखाकर के जा,

अरसा बिता है हमको चाँद देखे,
कभी मेरे दिन को रात बनाकर के जा,

के बहोत ऊँचे मकाम पर है औदा तेरा,
होसके तो नीचा दिखाकर के जा.

के ऐसा क्या हुआ उन महीनों में उनसे,
बस एक दो किस्से सुनाकर के जा

वाकिये तो याद होंगे बीते वक़्त के हमारे,
कुछ नही तो बस मौत की नींद सुलाकर के जा.

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11 NOV 2021 AT 23:08

कभी कभी मुझको,
कुछ लोग ज़िन्दगी से दफा चाहिए,
उनसे भी क्या राबता,
जिनको कुछ ना करके हमसे वफ़ा चाहिए

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