Pramila Singh   (प्रमिला सिंह)
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Joined 29 December 2023


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24 APR AT 14:09

सब खत्म हो गया कैसे कह दू मैं ये
कुछ तो बाकी रह गया है तेरे मेरे दरमियाँ
सोचा न था युं खामोशी जकड़ेगी हमारी महोब्बत को
कुछ तो अनचाहा सा रह गया तेरी मेरी कहानी में
लाख कोशिश कर रही हूं तुमको अपना बनाने की
पर खुदा भी खुश नहीं शायद मेरी इस चाहत से
तुम हो ही नहीं नायक मेरी इस कहानी के...।।




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24 APR AT 11:13

I read someone 's bio today

लिखा था कि -

परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता
शिव सब लेखा - जोखा रखते हैं... 🙏❤

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23 APR AT 20:10

आज वो फिर मेरे करीब आकर बोला
चलो अलग हो जाते हैं...।।🙃

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20 APR AT 20:11

मुझे नहीं पता मैं क्यों कहाँ जा रही हूँ,
जीवन के इस समंदर में बस बहे जा रही हूँ।
न किनारा पता मुझको
ना मेरी मंजिल का कोई ठिकाना है,
लगता है मानो इस सफर में,
मैं कहीं खुदको खोती जा रही हूँ..।।🙃

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18 APR AT 21:58

सुनो! अब तुम वापस मत आना

नहीं बचे अब तुम मुझमें पहले की तरह
खो गए कहीं मेरी खामोशियों में न जाने किस तरह
तुम चाहकर भी खुद को ढूँढ न पाओगे
मेरे अंदर वो मरा हुआ इश्क जगा न पाओगे

इसलिए सुनो! अब तुम लौटकर मत आना
क्युंकि मैं अब तुम्हारी हो नहीं पाऊँगी

अब आँशु भी ऐसे सूखे हैं मेरे
बारिश का असर भी नहीं होता मुझपे
मैं तन्हाई को अब गले लगा चुकी हूँ
तुम्हारी यादों के बक्से की चाभी भी अब कहीं गुमा चुकी हूँ

तभी कहती हूँ कि तुम कभी मेरा ख्याल भी मत लाना
क्युंकि मेरे दिल का दरवाजा अब बन्द हो गया हैं

चलो माना तुम आ भी गए
दो मुलकातें हो भी गयी हमारी
तो क्या?
अब तुम बस मेरे बन पाओगे
मेरी आँखो के नीचे पड़े काले घेरों को मिटा पाओगे
या मेरी खामोशी तोड़ पाओगे??

न मैं पहले सी हो पाऊँगी न तुम मेरे से हो पाओगे
इसलिए कहती हूँ
तुम अब फिर से लौटकर मत आना 🙃

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17 APR AT 7:49

मेरे ख्वाबों में आकर मेरी परछाई से मिलते हो
फिर तुम मुझसे ही मेरा पता पूछते हो
माना हैं लाख खामियाँ तुम में अगर,
फिर भी तुम मुझे अच्छे लगते हो...।।

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6 APR AT 2:10

हार गयी मैं उसको, उसकी ही बातों से
लफ्ज़ इक भी न निकला, बस आँशु बह गए मेरी आँखों से
रोकना तो चाहा था, मैंने उसको कई दफा,
पर उसने देखा तक नहीं मुझको भूलकर भी इक दफा।

सोचती हूँ कर लूँ नफरत उस से इक बार तो,
पर देखते ही तस्वीर उसकी फिर से दिल हार बैठती हूँ
मैं कितनी परेशान हूँ अपने दिल से
नफरत करने में बार बार उसे महोब्बत कर बैठती हूँ..।।🙃

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1 APR AT 1:40

खिलते फूलों की महक सी हो तुम,
मेरी ज़िंदगी की मुस्कुराहट हो तुम
तुम्हें देखते ही सब भूल जाता हूँ मैं
मेरे लिए बस सुकून सी हो तुम...।।❤

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28 MAR AT 23:01

वक़्त भी कितना जल्दी बदल जाता है,
पर कुछ लोग वक्त से भी पहले बदल जाते हैं...।।

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13 MAR AT 16:18

जिससे नफरत है मुझको ,
उसी से प्यार कर बैठी हूँ।
वैसे तो यकीन भी नहीं उस पर,
और उसी पर ऐतबार कर बैठी हूँ।
कितना अजीब है न यार
मिलना भी नही चाहती उसको मैं,
पर हर रोज़ उसके इंतज़ार में बैठी हूँ।।

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