अकेले रहना सीख लो हर कोई साथ नहीं देता जज्बात छुपाना सीख लो हर कोई अहसास नहीं समझता ख़ुद की ही हर बात सुनना सीख लो हर कोई बात नहीं सुनता रातो को अकेले जगाना सीख लो हर कोई इंतज़ार तुम्हारा नहीं समझता
रिश्ते तो बहुत होते है इस दुनिया में लेकिन जिस रिश्ते को निभाने के लिए एक इन्सान अपनी हर मुनकिन कोशिश करता है और वहीं दूसरा इन्सान अपने जिम्मेदारी या मजबूरी के लिए उस हर रिश्ते को त्याग देता है जिसको निभाना चाहता है कभी जीवन भर .