poonam shrimali   (-(लेखिका)पूनम श्रीमाली✍️)
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Joined 29 May 2020


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YESTERDAY AT 11:07

कोशिशे ___
तो की तुमने मगर शिद्दत से नहीं,
जिसकी इस दिल को चाह थी वो किया ही नहीं,
फिर गिला किस बात का जो चाहिए था वो तुझे मिला ही नहीं ।।

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16 APR AT 19:53

जीवन है बहने दे __
तू जीवन सरिता का प्रवाह है ,
ये मत भूल की लौट कर तुझे अपने मन सागर में है आना ,
तो फिर साहिलों पे खड़े मुसाफिरों से क्या घबराना ,
उनका तो काम है तटों पर आना और लौट जाना ,
तू तेरी राह भूल ना जाना तेरा काम है
अपने वेग से बहते जाना और अपने मन सागर में मिल जाना ।।

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16 APR AT 19:08












.......

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14 APR AT 17:39

जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई ,
मेरे छुटके भाई __
🌝🥰🤗🎈🎈
यूं तो योर कोट पर सबका बहुत स्नेह
मिला , मगर diii कह कर जो
तुमने मुझे अपनापन दिखाया
वो बहुत अच्छा लगा ,
महादेव की कृपाएं
तुम पर दिन रात बरसती रहें ।।
हैप्पी बर्थडे
🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈

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12 APR AT 15:55

में बदल गई हूं अब ___
नहीं !! मन मेरा वहीं निर्मल है ,
तन भी मेरा शांत है , ये मेरे
[अंतस ] का बदलाव है
मगर नहीं अब मन में कोई द्वंद निश्चिंत ही
मुझे आज मिला बड़ा आराम है ,
अब में संसार में नहीं खुद में एकमत्व रहती हूं ,
संसार से नहीं सारी उम्मीदें अब ख़ुद से करती हूं,
करके सबको उनके आकाश में उन्मुक्त ,
अब में हो गई हूं स्वयं के बंधन में बंधतत्व ,
समेट लिया खुद को खुद के अंदर ,
अब मेरे मन की में सिकंदर ।।

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10 APR AT 22:36

जिस दिन इस शब्द का मर्म ,
इसकी गहराई समझ आ जाए
की
[["सारी गलती हमारी "]]
उस दिन सही में ये ज़माना
सही से
समझ आ जाएगा ,
मन के सभी भ्रम बेपर्दा हो जायेंगे
और जीवन की हकीकतों से हम
सही मायनों में रूबरू हो जायेंगे ।।

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10 APR AT 13:08

रख कर हँसी अपने लबों पर
पीते है इस ज़माने का ज़हर बड़े ईमान से ।।

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7 APR AT 10:06

जो लिखना जानते है फिर
उन्हें किसी और की और
कुछ जानने की जरूरत ही नहीं,
ना ही किन्हीं साहिलों की तलाश है क्यूं की
उन्हें मंझधारो में डूबने का कोई खौफ भी नहीं।।

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7 APR AT 9:45

लोग मेरे लिए बातें कर सकते है ,
बकवास कर सकते है ,
मगर ____
मेरे जैसे बनने की हैसियत और
कैफियत उनमें बिल्कुल भी नहीं
क्यूंकि ____
में मेरे जैसी महादेव की बनाई
उनकी पसंदीदा एकमात्र रचना हूं
में शून्य और सिर्फ़ और सिर्फ़ शून्य हूं।।

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6 APR AT 9:37

बाबा कहते है __
समझ ले खुद को भी
अपना बच्चा अभी छोड़
कर मन के व्यर्थ सभी ,
तू चहक , महक , बेखौफ जी ,
ये है तेरी जिंदगी , झूम , नाच
गुनगुना ,ए बावरी , मत बना
इसे बोझिल ये है तेरी जिंदगी ,
उड़ पक्षियों की मानिंद ,
छू अपने मन तरुवर को ,
है मिला तुझे भी ये
उड़ने को स्वचन्द आकाश
ए बावरी , दे दे मुझे अपने
मन के सभी ताप , सभी त्रास ,
बस याद रख सिर्फ़ और सिर्फ़
एक ही बात ,की तू है मेरी पुत्री
सुन ओ पगली तू है सिर्फ़
मेरी पुत्री

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