मुझे भी सीखना है धूर्तता,,,,
मैं अक्सर कड़वे सच से
बुरी बन जाती हूँ,,,,
दूसरे अक्सर चाशनी सी बातों से
अपना होने का ढोंग करते,,,,
मैं अक्सर पहचान लेती हूँ दोगले चेहरों को
और दूरियाँ बना लेती हूँ,,,,
दूसरे अक्सर करीबी बनकर
पूरा घर लूट जाते,,,,
मुझे भी सीखना है धूर्तता,,,,
ठगी ना जाऊँ ताकि बार बार मैं,,,
पूजा सीख ही ले......
अपना उल्लू कैसे सीधा करते हैं !!!!!
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