लहरें-नदियां झील और झरने.. क्या फ़र्क है
एक तेरी आंखों की गहराइयां, वो बात और है
गुल-गुलज़ार फूल और बहार, सब एक से तो है
हां वो तेरी लबों की मुस्कान, वो बात और है
चंदा- सूरज जुगनू और तारें, एक जैसे ही है
तेरे चेहरे की वो चमक, वो बात और है
तितली-पंछी गिलहरी और हिरनी.. क्या फ़र्क है
हां तेरी वो बेधड़क सी चाल, वो बात और है
दिल-रूह सांसें और धड़कन सब कुछ तो है
हां गर तु होती,तो ज़िंदगी होती.. वो बात और है....
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