बिछड़ने के बाद हर शक्स कहता है। नफरत है मूझे उन रास्तो से जिन रास्तो से हम थे गुजरे। पर हमे ईश्क है उन रास्तो से, जब भी गुजरे कूछ पल के लिए ही सही जि लिया करते है उस क्षण को और पूनः कर बैठते है ईश्क उससे।
आज कूछ यू हुआ वो अनजानी सी लड़की मूझे अपने नजरो से कूछ इस कदर देखे जा रही थी मानो जैसे नजरों ही नजरों में मेरी आँखों की तारीफ कीए जा रही हो। कम्बख्त हद तो तब हूई जब मालूम चला की वो कभी देख ही नहीं सकती😞।