जी हाँ, मैं ही मजदूर हूँ
रोजी रोटी की तलाश में घर परिवार से दूर हूँ
मैं ही मजदूर हूँ
चिलचिलाती धूप के खंजर को सहने वाला
मंदिर, मस्ज़िद और गुरुद्वारे को बनाने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
खेतो को अपने पसीने से सींचने वाला
नदी हो या नाले सबकी खुदाई करने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
बड़े बड़े पुलों का निर्माण करने वाला
इस वीरान धरती पर झोपड़ी से लेकर महलों का निर्माण करने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
सड़क किनारे पत्थर तोड़ने वाला
चाय बेचने वाला,अखबार बांटने वाला
जी हाँ, मैं ही मजदूर हूँ
अस्पतालों और विद्यालयों का निर्माण करने वाला
छोटे से बड़े कामों का हिस्सा बनने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
खुद भूखा रहकर दूसरों की भूख मिटाने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
जी हाँ, मैं ही मजदूर हूँ।।🙏
:~Pल्लवी Chauहान
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