Pakhi Kumari   (पाखी)
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sugandhacsw8@gmail.com
Joined 21 October 2017


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22 JAN 2022 AT 14:23

कहते हैं गुरु को कभी नाराज़ मत करो क्योंकि,
अगर खुदा नाराज़ हो तो गुरु के चरणों की शरण ले सकते हैं, वो फिर आपको इश्वर से मिला देंगे,
पर अगर गुरु ही नाराज़ हो जाएं तो आपका कहीं भी फिर ठिकाना नहीं रहता, और ईश्वर भी आपसे दूर ही जाते हैं,
और मैंने तो मेरे गुरु को ही नाराज़ कर दिया....

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13 DEC 2021 AT 20:06

आज ज़रा फ़ुर्सत पाई थी,
सोचा कुछ हिसाब कर लें,
ख़फ़ा किया था जिन दोस्तों को
उन दोस्तों से माफ़ी मांगी जाए,
उन्हें कुछ भी कर के मनाया जाए,
जो चारागर रोशन करते थे हमारी ज़िन्दगी को
उन्हें खुद हमने अपने हाथों से बुझाया था,
उन चारागरों को फिर से जलाने का प्रयास किया जाए,
ग़र मरना ही है मंज़िल इस ज़िंदगी के सफ़र की,
तो क्यों न सब को खुशी देकर ही मरा जाए,
जो लोग उठाते हैं हमारे चरित्र पर उँगलियाँ,
अपना चरित्र नहीं देखते,
क्यों न उनको भी आईना दिखा कर मरा जाए

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12 DEC 2021 AT 20:55

I don't know what is the definition of wrost in dictionary,
But in my dictionary when you broke trust that person who always being honest and loyal with you and you become dishonest with him,
This is a wrost thing,
And belive me it's enough for broke your all relations with him.....

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23 NOV 2021 AT 11:28

इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की
आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की

(copy paste )

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18 NOV 2021 AT 14:23

माना थी दोनों की राह जुदा,
पर उसमें बेवफाई ना थी,
फिर क्या हुआ हमें,
क्यों उससे बेवफ़ाई कर बैठे....

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18 NOV 2021 AT 14:20

आज हालातों के आगे,
इस कदर बेबस हो गए हम,
कि, अपनी ही वफ़ा से,
बेवफ़ाई कर गए हम.....

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10 OCT 2021 AT 13:02

वहाँ कोई भी अपना नहीं,
जैसे फूल तो हो
पर उसमें खुश्बू ना हो,
वैसे ही जहां तुम नहीं,
जिन राहों पर तुम्हारा,
मिलन संभव नहीं,
वो राहें तो हैं पर,
उन राहों की कोई मंज़िल नहीं....

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8 OCT 2021 AT 19:51

कुछ जाना पहचाना है,
यह सब का अपना है,
हर कोई इससे गुज़रा है,
मेरा दर्द पुराना है,
कह नहीं सकते किसी को,
अपने दिल में इसे दबाया है,
हाँ हमें इक दर्द पुराना है...

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7 OCT 2021 AT 22:45

मेरे दिल का अलम ना पूछो यारों,
वो दर्द देते रहे और,
हम खामोशी से मुस्कुरा कर,
सब सहते रहे....

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1 OCT 2021 AT 10:49

खामोशी को सुनकर तो देखो कभी,
तुम्हें हमारी बेबसी का,
हमारी उदासी का,
हमारी तन्हाई का,
अपने आप मालूम चल जाता..

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