तुमअपने प्रेम कोअधूरा ही रखनाकहीं न कहीं पूर्णता में अंत छिपा रहता है...!© RawatWrites -
तुमअपने प्रेम कोअधूरा ही रखनाकहीं न कहीं पूर्णता में अंत छिपा रहता है...!© RawatWrites
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माँ आज भूख कम है....दो ही रोटियाँ खाऊँगातब मैंने रोटियों को बड़ी होते देखा है..!!©PahadiBaalak -
माँ आज भूख कम है....दो ही रोटियाँ खाऊँगातब मैंने रोटियों को बड़ी होते देखा है..!!©PahadiBaalak
विरहप्रेम के मध्य उपजीखरपतवार हैजिसे केवलघने जंगल मेंबदलता देखने के लिएजीवित रहे कई प्रेमी..!!©PahadiBaalak -
विरहप्रेम के मध्य उपजीखरपतवार हैजिसे केवलघने जंगल मेंबदलता देखने के लिएजीवित रहे कई प्रेमी..!!©PahadiBaalak
कविताएँलिखने को चाहिएबरसों की बैचेनी...उपन्यास गढ़ने में चाहिएबुद्ध सी शांति.....केवल प्रेम हीजल्दबाजी में हुई खूबसूरत घटना है..!!©RawatWrites -
कविताएँलिखने को चाहिएबरसों की बैचेनी...उपन्यास गढ़ने में चाहिएबुद्ध सी शांति.....केवल प्रेम हीजल्दबाजी में हुई खूबसूरत घटना है..!!©RawatWrites
प्रेम गहरा नीला विष हैऔर आँख से छलका हर आँसू अमृत है...केवलप्रेमियों को ही प्राप्त हैअश्वत्थामा सी जीवित मृत्यु....!!!©RawatWrites -
प्रेम गहरा नीला विष हैऔर आँख से छलका हर आँसू अमृत है...केवलप्रेमियों को ही प्राप्त हैअश्वत्थामा सी जीवित मृत्यु....!!!©RawatWrites
मुझे बिलकुल भीअच्छे नहीं लगते मेरे आँसूरात कोअपने आँसूओं को दफ़ना देता हूँज़मीन के भीतरऔर सुबहआसमान मेंछा जाता है घना कोहरा.!© RawatWrites -
मुझे बिलकुल भीअच्छे नहीं लगते मेरे आँसूरात कोअपने आँसूओं को दफ़ना देता हूँज़मीन के भीतरऔर सुबहआसमान मेंछा जाता है घना कोहरा.!© RawatWrites
तुम्हारी देह परलिखे गए प्रेम-पत्रमेरी आत्मा द्वारा की गई शिकायतें हैं..!!© RawatWrites -
तुम्हारी देह परलिखे गए प्रेम-पत्रमेरी आत्मा द्वारा की गई शिकायतें हैं..!!© RawatWrites
मर कहाँ पाते है वो किरदारजिनकी कहानी शुरु नहीं होती© RawatWrites -
मर कहाँ पाते है वो किरदारजिनकी कहानी शुरु नहीं होती© RawatWrites
बेधड़क सी जो ये चली आती हैयाँदें तेरीतुम क्या जानोधड़कनों को संभालनाकितना मुश्किल हो जाता मेरे लिए...!!© RawatWrites -
बेधड़क सी जो ये चली आती हैयाँदें तेरीतुम क्या जानोधड़कनों को संभालनाकितना मुश्किल हो जाता मेरे लिए...!!© RawatWrites
चाँद आकार में भले ही छोटा हो सूरज सेबहुत भारी पड़ती है रातें अक्सर दिनों पे© RawatWrites -
चाँद आकार में भले ही छोटा हो सूरज सेबहुत भारी पड़ती है रातें अक्सर दिनों पे© RawatWrites