घिरे रहे कुछ ऐसा
की बारिश आए और बादल की आंच भी न लगे ऐसा
तेरे कामपाश में हम सोते रहे ऐसा
ज़माना बीतते रहे हम जागते रहे ऐसा
तेरे कामपाश में हम रोए जी भरकर ऐसा
खुशी की आंसू हमारा पेट भराए ऐसा
तेरे कामपाश ने धूप में सुकून जताए ऐसा
प्रेमी की पूजा ने इंसान को खुदमे खुदा पहचानाया ऐसा
तेरे कामपाश में हम खोए खुदकोही ऐसा
खुद्मे और, औरों में खुद : महसूस आने लगे ऐसा
तेरे कामपाश में पूछे बगैर निकल लेते हैं हम ऐसा
तू न जब हो हम तुझमें ही चलता हूं ऐसा
तेरे कामपाश मुझे प्यार सिखाए यूं ऐसा
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