Noopur Sharma   (मन के पंख/नूपुर शर्मा)
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Joined 25 March 2021


Joined 25 March 2021
2 APR 2022 AT 13:07

कर समर्पण निज अहम का।
दुःख -द्वेष और कष्टों का
तेरा- मेरा के बंधन का ।
भव सागर पार करेगी मैया
कर देगी उद्धार जीवन का ।

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2 APR 2022 AT 0:06

देखने में साधारण सा था
पर खुद में समा रखा था
किसी का दर्द भी, खुशी भी।
राग भी ,द्वेष भी
इश्क़ भी,मुश्क भी।
अनकहे राज भी
दिल के ज़ज्बात भी ।
कागज़ ही तो था
पर हमराज वो हर्फों का था...

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1 APR 2022 AT 21:23

भाव दिल में जो न उभर पाया अब तक।
मिल के तुमसे आया है यकीं ,
मन की बात पहुँचेगी अब तुम तक...

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31 MAR 2022 AT 23:26

यादें साथ ले आयीं ।
इन्हीं मे खो गए सारे,
सुकूँ भी ,नींद भी और ख़्वाब भी।
कि सब से हो गयी रुसवाई ...

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30 MAR 2022 AT 23:18

घर लौटने से पहले
पूछते हो जब भी,
क्या लाऊँ तुम्हारे लिए?
सोचती हूँ कह दूँ,
ले आना खुद को
खुद से चुरा कर।
दे देना मुझको
सब से छुपा कर।
हो सके तो रहना
बस मेरे होकर ...

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30 MAR 2022 AT 23:06

खाली है मन
नहीं कोई उमंग
तुम बिन फीके हैं

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29 MAR 2022 AT 23:26

किसी और की ,
काफी हैं ये तन्हाईयाँ ।
जो समझती हैं ,
मेरी परेशानियाँ ।
जो सुनती हैं ,
मेरी खामोशियाँ ।
सुलझाती नहीं है, ये उलझन मेरी ।
क्या कम है, कि ये उलझाती नहीं ।

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29 MAR 2022 AT 23:21

उस पहेली में उलझी
मेरी ज़िन्दगी रही...

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28 MAR 2022 AT 20:54

जिससे गुजर कर
हर रिश्ता खरा हो जाता है।

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27 MAR 2022 AT 23:06


ये तल्खीयाँ क्यों है?
मिल कर भी ,नहीं मिलना
दरमियां बेरूखी क्यों है?
शिकायत हो अगर कुछ तो
जतन कर लूँ मिटाने की ।
बिन बात के ही तुमने ,
दी अज़ीयत, ये क्यों है?

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