काश आप होते..
काश आप होते मुझे फिर ऐसा कभी एहसास ना होता
सबकी मुलाकातों में ये एक एकांत मेरा खास ना होता
काश आप होते तो उन उजालों में यूँ अँधेरा पास ना होता
गहरे इस अँधेरे के साथ पर मुझे कभी विश्वास ना होता
काश आप होते तो यूँ थमी हुई साँसों का साथ ना होता
मेरी हर यादों में कभी तुम्हारी यादों का यूँ नाम ना होता
काश आप होते तो मेरी हर खुशी में ये दर्द पास ना होता
और ये मन मेरा मेरा ही जो बना मेहमान,कभी ना होता
काश आप होते तो ये सफ़र मेरा कभी सुनसान ना होता
आपके होने से ही तो था सफ़र काश ये गुमनाम ना होता
काश आप होते तो ये शब्द काश मैंने भी लिखा ना होता
और यूँ लिख आपको जताने का कभी भी सोचा ना होता
काश खुदा को दिखा होता मेरा भी कुछ अधूरा ना होता
ज़्यादा नहीं ये होता तुम्हें मेरे नसीब में काश लिखा होता
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