एक लड़का जो मेरी आंखों में देख के कहता है मुझसे.. कि आखें नशीली बड़ी है आप की...! अब उस पागल को कौन बताये.. कि आंखो में नशा नही एक खुमार है जो उसके इश्क में कहीं ना कहीं बेशुमार है...!
कहते है - कि इबादत में बहुत जादू है... जो ना मांगो वो भी मिल जाता है।। अब सच कहूं तो मैने कभी इश्क इबादत में नहीं मांगा फिर मुझे तुम मिले... . . . . . अब तुम ही बताओ तुम्हे इश्क कहूं या इबादत।।
उसने मुझ से एक दिन.... एक बात कही.... अपने दिल की बात अपने लवो से कही.... और जनाब बोले- हमे तुम से कम तुम्हारी आखों से अधिक मोहब्बत है.... तो तुम चुप रहकर इन आखों मे खोने का एक मौका तो हमे दिया करो.... और बोले कभी चुप भी रहा कर।।
जब देखा था तुम्हे पहली दफा तब तुम्हारी अदा कुछ इस कदर थी जुल्फे तुम्हारे चेहरे को ढके हुऐ थी और ये चांद सी बालियां हवा मे झूम रही थी और तुम्हारा रंगीन दुपट्टे में घड़ी मेरी फस रही थी और ये सब देख धड़कन मेरी रूक रही थी और फिर बारिश आ गई!!
जब हमने तेरे संग बीते चंद लम्हे पन्नो पे उतारे... तो चंद लोगो ने पूछा की क्या राज है इन लफ्जों का.. तब तक ठीक था।। मगर उन्ही चंद लोगो मे तुम भी शामिल हो के ये सवाल पूछो ... ये तो ठीक नहीं।।