#बाल दिवस....
आज मन किया लिखने का ,
शीर्ष डाला हूँ बाल दिवश का,
मन में संशय सा हैं,
एक पहेली सा उलझन हैं ....
सभी के बचपन वो खिलौने वाले तो नही,
सभी के बचपन में वो माँ का गोद नहीं
कुछ बचपन खिलौने वाले नहीं जनाब ...
वो आपके चौराहे पर लगे ट्रैफिक सिग्नल पर खिलौने बेचने वाले होते हैं!!...
कुछ बचपन में माँ का गोद नहीं जनाब ...
वे आपके बाजार के फुटपाथ होते हैं!!...
सभी के बचपन में वो पोषड़ युक्त भोजन ऐवम शिक्षा का अवशर नहीं होता ...
साहब !!! कुछ के बचपन कुपोषण तथा बालमजदूरी से ग्रषित होती है!!!...
भारत में 40प्रतिशत बच्चो का जीवन कुपोषण से ग्रषित होता है तथा 2मिलियन बच्चो की मौत हर साल होती है !!!!..
तथा 20प्रतिशत बच्चे को शिक्षा से वंचित रखा जाता हैं उनसे बालमजदूरी करायी जाती हैं!!!..
कहा जाता है" देश के बच्चे आने वाले कल के भविष्य हैं"....
यदि हमारे देश में बच्चो का भविष्य सुरक्षित नहीं
तो ख़ाक कल हमारे देश का भविष्य सुरक्षित होगा❗!!❗!!❗!
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