Nikita 'Tamanna'   (©NikitaShriwas'तमन्ना')
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Joined 3 March 2018


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23 JUL 2023 AT 1:35

जिसके बिन कोई ख्वाहिश ना पूरी थी
जिसके बिन बातें सारी अधूरी थी
जिसने उसे अधूरा ही छोड़ दिया
टूटे दिल को जिसने और कई हिस्सों में तोड़ दिया
जो उन टूटे हिस्सों में भी शामिल था
जो मेरे सारे किस्सों में शामिल था
जिसके बिना दुनिया ही बेगानी सी थी
जिसके बिना जिंदगी कामिल न थी
मैंने उसे ख्वाहिशों से क्या निकाला
दिल से ही बेदखल हो गया वो एक शख़्स ...

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2 MAY 2023 AT 14:06

प्यार में सहूलियत नहीं देखी जाती
और सहूलियत देख कर की जाए वो प्यार नहीं होता..
प्यार है तो हर हाल में स्वीकार होगा
हर रूप में स्वीकार होगा
प्यार में बस मोहब्बत के फस़ाने होते हैं
दूर होने के बहाने नहीं ...

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28 DEC 2022 AT 19:58

इस दिल की कदर कहां हुई. .
इतना शोर मचा ख़ामोश दिल में
किसी को ख़बर कहां हुई. .
वो बोलते हैं कहते नहीं तुम कुछ
तुम्हारी मुझे पढ़ने की नज़र कहां हुई. .
सालों पहले का बोया बीज है पर
ये अब तक शज़र कहां हुई. .
कहीं गया न था मैं यहीं था
तुम्हारी नज़रें मुंतज़र कहां हुई. .
इक राह पे निकल पड़ा मैं भी अब
ठहरने की अभी मेरी उमर कहां हुई. .

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24 JUL 2021 AT 23:35

कभी किताबे छोड़, ख़ामोशी भी पढ़ लिया करो
हर वक्त ढूंढा अल्फाज़ न करो

ख़ामोशी भी कहती है बहुत कुछ
और अब सवालात न करो

बह जानें दो इन अश्कों को बारिश की तरह
फ़िर कुछ याद न करो

ये मौसम,ये बारिश,ये हवाएं बहुत रूहानी है
इस वक्त को यूं बर्बाद न करो

कुछ देर बैठे रहो आंखे मीचे
अब और कोई बात न करो

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23 MAY 2018 AT 0:49

मुझ में इस क़दर शामिल होकर
कि खुद से ज्यादा तेरा अक़्स समेटे हूँ
और अब कहते हो किसी और कि हो जाना..

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18 MAY 2018 AT 17:46

अब ईद की खीर खाने उनके मकान नहीं जाते
और राखी बंधवाने भाईजान नहीं आते..

-©NikitaShriwas'तमन्ना'


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5 MAY 2018 AT 23:47

वह कुछ बेरूखा नज़र आने लगा
जब से खेल-ए-उलफत में हार जाने लगा..
पहले जीत जाता था हर बाजी बिना खेले हि
कुछ दिलचस्पी कम हुई जब से मैं खेल के कायदे बताने लगा..
उसने तो नादानियों में मोहब्बत को भी खेल सा बना दिया
सुना है कुछ नाशाद है,जब से मैं भी उसके साथ खेल जाने लगा..

-©NikitaShriwas'तमन्ना'

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29 DEC 2021 AT 22:29

दिन रात बादल का यूं बरसना मेरे अश्कों सा
ना दिसंबर कभी इतना सर्द लगा ना तेरी ख़ामोशी

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4 AUG 2021 AT 1:39

why is this void, if you are with me & why is this fear of losing you,
if you're not with me. . .

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12 APR 2021 AT 15:47

रेत सा इश्क़ था उसका
जितनी शिद्दत से पकड़ना चाहा
उतना ही छूटता गया. .

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