पिता संघर्ष की आंधियों में हौसलों की दीवार है परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है, बचपन में खुश करने वाला खिलौना है नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछौना है। पिता जिम्मेवारियों से लदी गाड़ी का सारथी है सबको बराबर का हक़ दिलाता यही एक महारथी है, सपनों को पूरा करने में लगने वाली जान है इसी से तो माँ और बच्चों की पहचान है। पिता ज़मीर है पिता जागीर है जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है!! Happy Father’s Day!!
*सत्य* राम थे तो *झूठा* रावण भी *नहीं* था। *फिर युद्ध क्यों?* राम की *जीत* और रावण की *हार* क्यों? *यह युद्ध था...* *ज्ञान* और *महाज्ञान* के *सही-गलत उपयोग* का। *सत्य* से ऊपर *अति आत्मविश्वास* का। *मर्यादा पुरुषोत्तम* राम और *मतिभ्रम दशानन* रावण का। *राम नीति* और *रावण प्रवृत्ति* का। *त्यागी* राम और *अहंकारी* रावण का। आइये इस दशहरे पर देश, समाज और अपने अंदर के राम-रावण को पहचाने। ज्ञान और बल के सही-गलत उपयोग को जाने। सत्य और अहंकार के भेद को पहचाने। *विजयदशमी की शुभकामनाएं* 🙏❤️🙏❤️🙏