तेरी इस मोटी सी डायरी की हर पन्ने में
अपना एक जिक्र ढूंढती हूं
हर शख्स मौजूद है यहां सिवाय मेरे
फिर भी अपने लिए थोड़ी फिक्र चाहती हूं
तुझसे पुरानी मोहब्बत की उम्मीद नहीं करती मैं
पर तेरे नए बदलाव से बहुत डरती हूं
तुझसे लड़के झगड़ के हमेशा एक नया कोना ढूंढती हूं
इस बार बस मनाने ना जाए तू मुझे
सच कहूं तो,
खुदा से यही दुआ करती हूं
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