स्वप्न अगर देख लो , नींद को तुम त्याग दो । प्रभाकर से प्रकाश लो , सौम्यता शशि से मांग लो। है लक्ष्य अगर मीन चक्षु , शांत चित्त साध लो । गगन जो मेघ भेज दे , विशाल पंख भीग दे पवन भी आंख फेर ले , सूर्य से रथ उधार लो । स्वप्न अगर देख लो , नींद को तुम त्याग दो।।
आज कुछ ज्यादा ही याद कर लिया है तुझको हर तरफ से तेरी यादों ने घेर लिया है मुझको आईना तो आईना अब तो दीवार भी तेरी सूरत दिखाती है आंखों में नमी और होंठों पर मुस्कान एक साथ नजर आती है। है तेरे इश्क का कुछ ऐसा जलवा इश्क करते करते इबादत भी इश्क बन जाती है
होती है कुछ कुछ , किसी संस्कारी बहू सी । जो बना लेती है अपने इर्दगिर्द एक वृत। जिसके दायरे में रह कर वो झांक तो लेती है यदाकदा , किंतु निकाल नहीं पाती समय रहते ,अपने कदम,,,,, अपने प्रियतम की ओर ❤️💕
दोस्ती का थोड़ा सा व्यवहार कर मुझसे । तू खोल दिल के वो राज़, जो मुझे भी साझा करने हैं तुझसे । इस उठापटक की वजह बता ,,,,, अंदर अंदर क्यूं है भूकंप मचा । क्या तू भी भीतर से तन्हा है ? अपनों के दिए जख्मों में क्या खुद ही मरहम भरना है? मुझको तो लगता तू सरफिरा आशिक था , गैरों की आग बुझाता था और खुद मयखानों में जलता था
गुजर जाती है इन आंखों से मोती बन कर। मोहब्बत तो अब भी गुजर जाती है मेरे बदन से तेरी खुशबू बन कर। तुझे याद करने , तुझे चाहने का हिसाब रखूं भी तो कैसे मोहब्बत ठहर सी गई है अब तो मेरी जिंदगी में तेरा प्यार बन कर
सोचती हूं आज , लिख दूं तुम्हें इक खत प्रेम भरा लाल अबीर से या लाल कलम से या फिर लाल रंग से । वो लाल रंग जो सुबह की पहली किरन के साथ आए , जो डूबते सूरज को जाते - 2 धरा से मिला जाए । जो मांग में सजे तो प्रेमिका पत्नी का दर्जा पाए। जो गालों पे मले तो पति प्रेमी बन जाए। जो प्रेम की लौ बन दो दिलों को ऊष्मा दे जाए उस लाल अबीर से जो इस बार मेरा फागुन रंग जाए । और हां जब तू गले लगाए तो गोरी शरम से लाल हो जाए। इस होली जब भी तू लाल गुलाल उड़ाए तुझे मेरी याद आए , तुझे मेरी याद आए।
एहसास जो तेरे होने का बो दिया है मैंने ,, दिल को मेरे लगता है हर तरफ हरियाली है । ये देखता भी नहीं ये सुनता भी नहीं पर दिल को मेरे सुगंध आनी तेरी जारी है 🥰
तब से शुरू हुई जब तुम मिले । तुम्हें रोकने का सबसे अच्छा बहाना था ये , जब तुम चले। चाय बनाना सिखा दोगे मुझे ? तुम्हारी खुशबू से खुदको महकाने का ,, प्यारा सा एहसास था ये, जब तुम करीब हुऐ। देखना ज़रा कैसी बनी है चाय , और चुपके से कप बदल लेना प्यार बढ़ाने का ये तरीका पुराना था,, पर दिल को चाहत थी कि,,कैसे भी हो,, मुझे तुम्हारा प्यार मिले 🥰🥰❤️❤️