पुरुषों ने हथियार उठाये
रणनीतियाँ बनाई
रचे तरह तरह के व्यूह
पुरुषों ने जंग लड़ी
जमीन से,
दीवारों से,
पत्थरों की साखों से!
और जीते मृत शरीर
रक्त से सिंचित भूमि
और रंगहीन जिन्दा लाशें,
और कहलाये चक्रवर्ती!
स्त्रियों ने बेलन उठाया
गोल रोटियां बनाई
चाकू तराशी और
काटे निर्दयता से लौकी टिन्डे!
औरतों ने जंग लड़ी
भूख से,
गुस्से से,
उन्होंने लिखी रस भरी थाली,
और जीते भर पेट सोये बच्चे,
और फिर भी वे रह गयी सिर्फ स्त्रियां!
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