आज रात के लिए तो तू महफूज़ हो गई लेकिन कल सुबह मै तेरी कश्ती को डूबा दूंगा । मुझ से बचने के लिए चाहे कितने भी भेस बदल फिर भी तुझे उसी रूप में पहचानकर तेरी आत्मा को आसमान से मिला दूंगा ।।
मै अंधेरे को अपने पास इस तरह रखूंगा की रोशनी भी मेरे ब्जूद को पहचान नहीं पाएगी । फिर कितना ही मेरे पास आने की कोशिश करती रहो मेरी सांसे उतना ही तुमसे दूर जाती चली जाएगी ।।