Neelu Kumari   (Neelu k.)
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Joined 16 December 2017


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Joined 16 December 2017
16 HOURS AGO

जो अनजान हैं मेरी पहचान से, उन से कहना,
उड़ने के लिए मैंने कर लिया है, पूरा आसमान मेरा।

ख़ामोशी भी मेरी, समझ आने लगी है सबको,
हर किसी के लिए नहीं है, शब्दों का बाण मेरा।

जिनको पहनना है नकाब ,वो पहने, शौक से,
कभी भी, छोड़ नहीं सकती मैं, इमान मेरा।

अच्छों और सच्चों के लिए अपनी जान हाजिर है,
बुरों को मरने पर मजबूर कर देगा एक दिन, ज्ञान मेरा।:D

अपनी समझ को मैं उस काबिल नहीं समझती,
मेरा भला बुरा सब देख लेता है, भगवान मेरा।

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21 HOURS AGO

तुम्हारी याद में

यादों में खोकर, लिपट जातें हैं कुछ एहसास,
जैसे बेल कोई घेरे रखती है सूखे हुए दरख़्त।

बंद लिफाफे में बंद हीं रह गए अहसास मेरे,
तुम तक पहुंचें नहीं, तुम्हें भेजने वाले ख़त।

अक़्स तुम अब तलाशते हो अपना, इस दिल में,
क्या मेरा टूटा दिल, तुम्हारा नहीं था उस वक्त?

प्यार को बड़े इम्तिहानों से गुज़रना पड़ता है,
काश! तुम्हें इस बात की ख़बर होती उस वक्त!
❤️

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5 MAY AT 18:37

कसमें खाईं थीं, वादें वफ़ा तोड़ेंगे नहीं...
करीब आकर हम, दूर जाएंगे नहीं...
हमें तो मंज़िल पर था इंतज़ार एक दूसरे का..
मगर ये रास्ते मेरे होकर भी, अब मेरे नहीं...

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5 MAY AT 17:59

फूटी तुम्हारी किस्मत नहीं तुम्हारा चश्मा है,
टेलिस्कोप का क्या उसमें लेंन्स लगा रखा है?

हिन्दी भी ठीक से तुम पढ़ नहीं पा रहे,
नाम किसी का किसी को चिपका रहे।

जिसको तुम ज्वालामुखी बोल रहे हो,
वो नाम अपना चन्द्रमुखी लिखती है।

ऐनक बदलवा लो, जनहित में जारी है
लेंन्स कार्ट सदा आपका आभारी है।

तुम्हारी ऐनक ने पृथ्वी पे भूचाल मचा रखा है
पूरे सौरमंडल को तुमने ससुराल बना रखा है!🤣🤣

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5 MAY AT 8:28

ज़िन्दगी की धूप

ज़िन्दगी के सफ़र में धूप हीं धूप होती है,
इस से बचना बहुत मुश्किल सा लगता है।

झुलसा न‌ दे ये तपिश, मन के इरादों को,
छांव भी तो एक सपना सा लगता है।

इस धूप में तपना, तप से कम भी तो नहीं है,
ख़ुद को संवारने का सुनहरा मौका सा लगता है।

छांव की तब तलाश हीं खत्म हो जाती है,
जब धूप हीं सफ़र में हमसफ़र सा लगता है।

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4 MAY AT 16:17

कारवां झूठे दिलासों का भी है साथ में,
मुश्किल है तय करना सफ़र प्यार से।
जिसने देखा है सिर्फ फ़रेब प्यार में,
मुश्किल है उसे इश्क़ समझाना प्यार से।

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4 MAY AT 13:27

पासा
समय एक सा नहीं रहता, पासा पलटता है।
वक्त के खेल में सिर्फ एक हीं खिलाड़ी नहीं होता।

निराशा के दरारों से आती है रौशनी आशा की,
दिल हमेशा के लिए, किसी का टूटा नहीं रहता।

क़िस्मत के हाथ में होते हैं हमारे नाम के पासे,
पर ऐसा नहीं है कि कर्म के पास मौका नहीं आता।

उठने वाले उठ हीं जातें हैं, अपनी नाउम्मीदी से,
हर किसी को सवेरे का इंतजार नहीं रहता।

सफ़लता का ताज सिर्फ़ क़िस्मत को देना ठीक नहीं,
क्या हर सफ़लता के पीछे संघर्ष नहीं रहता?

एक दिन मेहनत का सिक्का भी हवा में उछलता है,
होता वो भी है, जो क़िस्मत में लिखा नहीं रहता।

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3 MAY AT 12:04

खुशियों की पंखुड़ियां

ज़िंदगी की कहानी, कुछ नयी ,कुछ पुरानी।
ज़िन्दगी है, तो इस से प्यार तो करना होगा।
ये माना, दुःख का पलड़ा भारी है,
पर, ख़ुशी का जुगाड़ तो करना होगा।
अपने दिल के कोने में एक घर दे दो,
खुशियों को रहने को एक घरौंदा दे दो।

माना दुःख ने सताया है, भटकाया है।
पर ये हैं वही न, जिसने जीना तुम्हें सिखाया है!
इतने आंसुओ से भी मिटी नहीं,
तक़दीर की कलम से लिखी मायूसी।
तुम ने तब त्याग को समझा,
अब प्रेम भी समझ आने लगेगा।
तुम्हारा ग़म भी अब जाने लगेगा।

सुनो! तुम्हारे हिस्से की खुशियां, लौट के आ रहीं हैं।
वो लौटाने आई है तुमको,
तुम्हारे हिस्से की खुशियां।
रिश्तें, नाते, दोस्त, और इन सबका प्यार,
तुम्हें फिर से लौटाने आई है।
देखो! तुम्हें शायद मनाने आई है।
तुम्हारे फूल जैसे दिल को जोड़ेगी रिश्तों की लड़ियां,
जीवन महकाएंगी, खुशियों की ये पंखुड़ियां।

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1 MAY AT 21:24

तुम्हारी यादों में

इस दिल की जुबां बोलती बहुत है, पढ़ो कभी,
आंखें भी मेरी अब, खुली हुई किताब हो गई हैं।

बैठे-बैठे झांकती रहती हूं बाहर, इन झरोखों से,
तुम्हें याद करते रहना, न छूटने वाली आदत हो गई है।

तुम्हें भूलना भी चाहूं, तो दिल रोक लेता है बहाने से,
वो एक मुलाक़ात हमारी, दिल के लिए आफ़त हो गई है।

मैं अब अकेली कहां हूं, तुम्हारी बातों ने मसरूफ़ रखा है,
तुम्हारे साथ होने के एहसास से हीं, मुझे राहत हो गई है।

इतना तड़पाना भी किसी को, अच्छी बात नहीं है,
आ जाओ, इंतज़ार की घड़ियां अब बेहिसाब हो गई है।

कमरे के अंधेरों को अच्छी लगने लगी है, ये थोड़ी सी रोशनी,
यूं ही ज़िन्दगी में भी उजाला हो जाए, ये चाहत हो गई है।

तुम्हारे दिए फूल की ख़ुशबू से, हर पल महकता है मन,
इश्क़ के मौसम में क्या कहें, हमारी क्या हालत हो गई है!

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30 APR AT 22:07

नर्क में 🥳😆

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