Nbhardwaj Bhardwaj   (रूहानी सिया)
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Joined 30 January 2019


Joined 30 January 2019
11 AUG 2022 AT 15:14

बात कुछ ऐसी हैं
अब रास्ते बदल गए है
किससे कुछ ऐसे हैं
अब पहले जैसे नहीं हैं....

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12 MAY 2022 AT 3:32


" यह दुनिया हैं जनाब ,
हर पल रिश्ते बनते बिगड़ते है ,
यहाँ एक रिश्ता टूट रहा है तो
कही नया रिश्ते जुड़ रहा है...

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13 MAY 2020 AT 7:30

हुए हम मसरूफ इस दुनिया मे..
पीछे रह गए ज़िन्दगी के फ़साने मे..
सांसे तो मौजूद थी हर राह पर...
जीने का मकसद भूल गए किसी मोड़ पर...
मौके मिले तो ज़िन्दगी मे बहुत...
पर गवा दिए ज़हीज़हक मे हमने..
चाहते थे जीना अपने तरिके से...
पर ज़माने की चिंता ने बदल दिया ढंग कुछ तरीके से...


Collab with Navneet Mishra

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27 APR 2020 AT 16:20

दिल की बातें आसानी से जुबां पर लानी थोड़ी मुश्किल है,
वक़्त की बात है जो दिल मे था अब जुबां मे भी आना गवारा नहीं हमकों

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25 APR 2020 AT 6:04

याद आता नहीं
सपना कोई अपना सा
शायद, अब आँखों में नींद बची नहीं
सोती हुई ज़िन्दगी का अपना पन सा
जागने के बाद बची नहीं

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21 APR 2020 AT 4:13

कुछ कहानी लफ़्ज़ों से कहीं जाती है
कुछ बातें आँखें बयान कर देती है
पर असली क़िस्सा तो उसे समझने वाले का है
जो आँखों से समझ जाये वो दिल मे उतर जाता है
और जो जबान के शब्दों को ना समझें वक़्त के साथ चले जाते है....

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15 APR 2020 AT 5:49

गुफ्तगू

आज कुछ गुफ्तुगू हो जाये
चिड़िओं की चेहचाहट से कुछ पहचान हो जाये
गायब थी वो कही पिछले कुछ दिन कहीं
गाडिओं की आवाज़ इसका कारण तो नहीं...

आज आई है कानों मे आवाज़ कोई मधुर,
चलों कुछ देर सुन लिया जाये
पहाड़ों की उन वादिओं से भी
आज फिर गुफ्तगू हो जाये...

दूर कहीं बादलों के पीछे
छुपे थे कहीं आप जनाब
आज कैसे नज़र आये हमें
ज़रा इसकी वजह फरमाए आप...

आसमान आज थोड़ा नीला है
इसकी वजह कहीं आप तो नहीं
वो काली चादर कहाँ गयी
इसकी वजह कहीं बीमारी तो नहीं...

जनाब थोड़ी हमारी तो सुनिए ना
हमसे थोड़ी गुफ़्तगू करिये ना...


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6 APR 2020 AT 0:54

क्यूँकि जान हमारी कीमती है

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29 MAR 2020 AT 22:10

खो गया...
खो गया वो बचपन अपना
जहाँ कोई चिंता थी नहीं
बड़-बड़ करके समय अपना
कहाँ चले जाता पता नहीं

खो गया वो सपना अपना
परिया रहती वहाँ नहीं
ख्वाबों का जहान अपना
जीवन का अब हिस्सा नहीं

बातें थी यारों से अनगिनत
आज कुछ लफ्ज़ नहीं
खो दिए शब्द अपने
तहज़ीब के लिए कहीं

खो दिया वो बचपन कहीं
खो दिया हमने अपने आपको कहीं....

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28 MAR 2020 AT 0:54

1. How much we care them
2. Things irritate
3. Like them or not
4. Real good quality
5. Bad quality

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