Naresh Kumar   (.)
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Joined 9 November 2018


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Joined 9 November 2018
9 DEC 2021 AT 20:01

लिखता खुद को "तेजोमय" तो "सूर्य किरण" सा लिख पाता,
प्रकाश बिखेर संपूर्ण जगत में "जीवंत" हमेशा रह जाता,
लिखता खुद को...

शीतलता मन - कर्म - वचन में रखता जीवन भर मैं,
लिखता खुद को "शीतल" मैं तो "चंद्रकिरण" सा लिख पाता..

चलता सर्वस्व नि: स्वार्थ जीवन - प्राण बचाने ,
लिखता खुद को "जीवन" मैं तो "प्राणवायु" सा लिख पाता....

अथक परिश्रम कर कठिन मार्ग पर चल जीवन का मूल्य बताता,
लिखता खुद को प्यास यदि मैं गंगा सा जल लिख पाता..

Naresh kumar.

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6 MAY 2021 AT 19:35

पिपर के छांव के सुरता आथे
सुरता आथे रिमझिम बरसात के
का गोठ बताव मैं अपन गांव के.,
सरग बसथे जिहा महतारी के पांव में.......

टूटे-फूटे, जुन्ना भले हे संगी
फेर पिरित बगरे हे अंगना के ठाव म
का गोठ बताव मैं अपन गांव के,
सरग बसथे जिहा खेत अउ खलिहान मा...

नरेश ‌कुमार.

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15 APR 2021 AT 19:33

छूट जाते हैं पीछे जिंदगी के कुछ यादगार लम्हे,

तब अहसास होता है कि वो पल जी लेने थे...

Naresh kumar.

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5 JUL 2020 AT 10:16

हारने के बाद जीतने का वादा खुद से मैं हर बार करता हूं
हर निराशा के बाद आशा की उम्मीद हजारों बार करता हूं ,
आपकी उम्मीदों पे मैं खरा उतर नहीं सकता तो क्या,
उन उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश मैं हर बार करता हूं!!!

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2 JUL 2020 AT 22:00

:-क्या कहूं मैं आज बेआवाज हूं:-
ना उसका होने की चाहत ना उसे खोने का गम,
ना उस पे मरने का जुनून ना साथ जीने का हौसला,
ना उससे कोई दोस्ती ना ही कुछ दुश्मनी,
ना उसे याद करने की वजह,
ना उसे भूलने की तकलीफ,
क्या कहूं मैं आज बेआवाज हूं!!!!
कैसा मोड़ ये सफर में,
रास्तों का पता नहीं मंजिल अनजान है,
बेरुखी अंदाज में आज फिजा भी बेजान है,
उसके इंतजार की आरजू खत्म .सच को झूठ समझने की आजमाइश खत्म,
"ना उसे जिंदगी में रख पाने की जगह",
"ना जिंदगी से निकालने की वजह",
क्या कहूं मैं आज बेआवाज हूं!!!

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27 JUN 2020 AT 10:27

दूर होने का एहसास तुझसे दिल को परेशान करती रही,
तेरे साथ गुजरे लम्हों को सोच दिल फरियाद करती रही,
कैसे गुजरे वो तन्हाई के दिन कैसे बताऊं तुझे,
जीने की ख्वाहिश तो थी पर जिंदगी ऐतराज़ करती रही!!!

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25 JUN 2020 AT 9:42

खुशियां तमाम रिश्तों के दरमिया गुम हो गयी,
वो हंसती, कुछ कहती नजरों की नूर गुम हो गयी,
कितने बदल गए तुम इस वक्त के साथ,
तुम्हारे दिल से हमारी तस्वीर गुम हो गई।

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22 JUN 2020 AT 10:31

किसी का दिल जो टूटा था तुम्हें इंसाफ करना था,
के मरना है बहुत आसां हमें तो प्यार करना था,
तुम्हारी और मेरी एक जु़बां में फ़र्क इतना है....
मुझे इकरार करना था तुम्हें इनकार करना था!!!

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21 JUN 2020 AT 21:58

Social Media पर सच्ची मोहब्बत तलाशने वाले
और किसी छोटी सी बात पर Breakup करने वाले.....

राम-सीता और शिव-सती के प्रेम की पवित्रता और विरह की पीड़ा क्या समझ पाएंगे !!!

Naresh Kumar.

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21 JUN 2020 AT 10:11

जिंदगी तू मुझे आज़माता रहा, रूठती तुम रही मैं मनाता रहा!!!
हमको कहना था कुछ और कुछ कह दिए,
तुमको रहना कहीं था कहीं चल दिए,
जिंदगी है यही पास तेरे कहीं,
तुम भुलाती रही मैं बताता रहा,,
जिंदगी तू मुझे आज़माता रहा, रूठती तुम रही मैं मनाता रहा!!!

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