एक शब्द हैं जो बोला नही जाता मुझसे
एक शब्द हैं जो कुछ वक़्त पहले छिन गया मुझसे
एक शब्द हैं जो प्यारा था मुझे ज्यादा खुद से
एक शब्द हैं जो सलामत चाहा था मैने रब से
खुद से बोला नही जाता वो शब्द मुझसे
सुन लू अगर कहीं वो शब्द किसी से
मुस्कुरा जाती हूँ आँखों में दबे आँशु से
सिसक आती हैं दिल के हर कोने से
पापा आपके जाने के बाद कुछ ऐसा नाता हैं मेरा पापा शब्द से
अहसास ,हिम्मत ,बजूद ,ख्वाब जुड़े थे जिस शब्द से
वो शब्द अब लिख पाती हूँ बहुत हिम्मत से
हिम्मत मिलती थी जिस शब्द से
आपके जाने के बाद कमजोर पड़ जाती हूँ उस शब्द से
पापा बोलू कैसे उस शब्द को
पापा कहकर आपको ना जाने पुकारा नही कब से
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