जब आसमा का दूसरा छोर, समुंदर को छूता दिख रहा होगा,
जब मैं हवा से तेज, अपनी धड़कन को महसूस कर रहा होगा!
जिसे देख सांस थम भी जाए, तो शायद कोई गम न होगा,,
उस रोज, समय भी जरा थमा सा, मजबूर दिख रहा होगा!!
जब यह शिद्दत होगी, हम तब मिलेंगे..
अब हम तब मिलेंगे ..
जब कुछ गलतियां को, पीछे छोड़ने का वादा किया गया होगा,
या साथ देने वाले वादों का सही मतलब, किसी एक के द्वारा भी अदा किया होगा!
जब होगा की, बस अब किसी ओर की मन्नत नही जिंदगी में,,
उस दौर शायद सूरज भी देर से ढलता, महसूस हो रहा होगा!!
हम तब मिलेंगे ..
जब लगेगा कोस-मोस थ्योरी से बेहतर, अपना एक जहान होगा,
या खुद का, खुद से, घर बनाने का सपना, सच होता दिख रहा होगा!
जब लगेगा वापस एक बार फिर गलतियों को अपना कर, सही करने का ख़यालात किया गया होगा,,
शायद उस पहर तु खुद को हार कर, उसको पाते हुए देख रहा होगा!!
जब तू खुद से ज्यादा, दूसरो की परवाह करना सीख चुका होगा..
अब हम तब मिलेंगे !!
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