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Knowing Myself....
Joined 20 June 2020


Knowing Myself....
Joined 20 June 2020
21 DEC 2023 AT 18:38

God cancelled your plan to save your life.
He sent you the other direction to avoid danger.
He fights battles you know nothing about.
His plan is better than yours.

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18 DEC 2023 AT 21:14

अच्छी संगति ना केवल प्रेरणा देती है बल्कि
आपके व्यक्तित्व को भी निखार देती है।

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27 JAN 2023 AT 0:36

The sparkle in my eyes
is the reflection of
your smile😊

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1 DEC 2022 AT 19:46

When you yearn
for education,
you remember
only your teachers..

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9 NOV 2022 AT 19:26

We always miss the memories,not the person..

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9 NOV 2022 AT 1:01

सोने को तो मन करता है पर
एक थपकी चाहिए होती है
सन्नाटे से मन घबराता है
एक आहट चाहिए होती है
माहौल शान्त भी रहे नींद के लिए
पर एक मौजूदगी चाहिए होती है….

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2 NOV 2022 AT 23:37

हाँ तुमने साफ़ साफ़ बोला तो नहीं,
पर अपनी नापसन्द को जताया है।
हाँ तुमने कभी टोका तो नहीं,
पर नज़रों से अपनी बताया है।
हाँ तुमने कभी परवाह दिखायी नहीं,
पर बातों बातों में फ़िक्र जताया है॥
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.
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हाँ तुमने दूरी दिखायी तो नहीं,
पर फ़िर भी पराया बनाया है…🥺

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18 OCT 2022 AT 22:45

कुछ सच दिखते हैं झूठे से
लगते झूठ,सच्चे होते हैं
ज़ुबां पे आके होते अपमानित
मन में ही अच्छे होते हैं….

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12 OCT 2022 AT 23:48

मैंने कल भी तो जाना था तुझको
मैं आज भी समझना चाहती हूँ
ना कल भुलाया था तुझको
ना कल भुलाना चाहती हूँ
मन में तो बहुत कुछ रहता है
मिल कर, हर बात बताना चाहती हूँ
मेरे सच को हमेशा झूठ है समझा
तो हर बात छुपाना चाहती हूँ
आगे भी शायद मौक़ा ना मिले
इसलिए बताना चाहती हूँ
ना कल भुलाया था तुझको
ना कल भुलाना चाहती हूँ
रिश्ते की अंतिम साँसों को
आजीवन चलने देना चाहती हूँ
रिश्ते को ही बचाने के लिए
रिश्ता मैं तोड़ना चाहती हूँ
बंदिश नहीं है तेरी कोई, फिर भी
दूर मैं जाना चाहती हूँ
ना कल भुलाया था तुझको
ना कल भुलाना चाहती हूँ
मन का एक प्यारा कोना है तू
ये सुकून हमेशा चाहती हूँ
दर्द नहीं है इतना बड़ा ये कोई
ना अफ़सोस मनाना चाहती हूँ
मुट्ठी भर अपने लोगों में मैं
एक तेरा नाम भी चाहती हूँ
ना कल भुलाया था तुझको
ना कल भुलाना चाहती हूँ
मैंने कल भी तो जाना था तुझको
मैं आज भी समझना चाहती हूँ
तुझे नहीं पता है सच है क्या
ना मैं समझाना चाहती हूँ
मैंने कल भी ना माँगा था तुझको
मैं कल भी ना पाना चाहती हूँ
मैंने कल भी तो चाहा था तुझको
मैं आज भी तुझको चाहती हूँ
ना कल भुलाया था तुझको
ना कल भुलाना चाहती हूँ….♥️

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14 MAR 2022 AT 0:58

तेरी अच्छाइयाँ
इस भीड़ की बुराइयों से बढ़ कर है।
फ़र्क़ नहीं पड़ता मुझको किसी के दूर जाने से
फ़र्क़ नहीं अब मुझको किसी के बदल जाने से
वो एक भीड़ ही तो है
फ़र्क़ नहीं पड़ता अब मुझको किसी के दिखावे से
या किसी और को अपना कह कर
मुझको पराया सा जताने से
क्यूँकि वो एक भीड़ ही तो है
और तू … उस भीड़ में नहीं है ,
तेरी अच्छाइयाँ
बना रहीं हैं बेहतर मुझे॥

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