साथ कोई नही देता फिर, निभाते हैं कुछ रिश्ते फिर, एकेले रह जाने का डर है फिर,,,,, -
साथ कोई नही देता फिर, निभाते हैं कुछ रिश्ते फिर, एकेले रह जाने का डर है फिर,,,,,
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कभी कभी काट लेते कभी कट जाती है ,जिंदगी हैं हर साँचे में ढाल ही लेती है -
कभी कभी काट लेते कभी कट जाती है ,जिंदगी हैं हर साँचे में ढाल ही लेती है
काटती दोपहरी जीवन की हो या फरवरी की कभी कभी यादे अनकही कहानी अधूरी सी छूटता हाथ कही साथ -
काटती दोपहरी जीवन की हो या फरवरी की कभी कभी यादे अनकही कहानी अधूरी सी छूटता हाथ कही साथ
इश्क की भाषा का हर जानकर कम समझता था मुझको ,हम उसको समझाते रहे वो कुछ और ही समझता था -
इश्क की भाषा का हर जानकर कम समझता था मुझको ,हम उसको समझाते रहे वो कुछ और ही समझता था
याद तो चारों पहर करा आप को पर याद हम तब आये जब कोई वजह ना थी शुभ रात्रि -
याद तो चारों पहर करा आप को पर याद हम तब आये जब कोई वजह ना थी शुभ रात्रि
हक तो नहीं जाता सके माँ की अर्थी तक का बेटियों को जाते जाते माँ भी पराया कर जाती हैं -
हक तो नहीं जाता सके माँ की अर्थी तक का बेटियों को जाते जाते माँ भी पराया कर जाती हैं
जो सब को समझ आ जाए वो लिखावट ही कैसी, खुली किताब सी हो नारी हो तो बगावत ही कैसी -
जो सब को समझ आ जाए वो लिखावट ही कैसी, खुली किताब सी हो नारी हो तो बगावत ही कैसी
कुछ झटपट से पल और अटपटी सी कहानी यही लिखने के लिए काफ़ी थे ना -
कुछ झटपट से पल और अटपटी सी कहानी यही लिखने के लिए काफ़ी थे ना
औरत तो वहीं पिसती रह गई ना हिन्दू हो या मुस्लिम ना न्याय और अन्याय तोडने सामाजिक बंधन कुछ दस्तावेज सिमटे वोही है हाथ,,😶😶 -
औरत तो वहीं पिसती रह गई ना हिन्दू हो या मुस्लिम ना न्याय और अन्याय तोडने सामाजिक बंधन कुछ दस्तावेज सिमटे वोही है हाथ,,😶😶
मध्यम वर्गीय परिवार की महिला का तो गुरुवार ही इतवार होता है ना सुप्रभात,,😍 -
मध्यम वर्गीय परिवार की महिला का तो गुरुवार ही इतवार होता है ना सुप्रभात,,😍