इश्क हैं ,तो ..
जुल्फों की सफेदी में भी ,
चांदनी ढूंढ ..
बुझते से चेहरे में भी
नई आरज़ू ढूंढ ..
वक्त से ढलती ,मेरी इन
निगाहों में भी ..
तू अपना , अक्स ढूंढ ..
अगर मोहब्बत है ,तो
तू मुझे हर उस हाल में ढूंढ , जिसे
दुनिया पसंद नही करती ..
कि, मैं जिस्म नहीं ,रूह हूं तेरी ..
कि,इश्के -जुनून को भी सादगी का
इल्म होना चाहिए ..
सिर्फ जवानी में नहीं ,बुढ़ापे तलक
संग होना चाहिए ।
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