कविता :- धीरे - धीरे
चला जाउंगा मैं दूर, कुछ यूं धीरे - धीरे,
सजाया था जैसे तुमने चेहरे पे, मुस्कान धीरे - धीरे...
मिलाई थी नज़रे जैसे तुमने , मुझसे धीरे - धीरे,
चुराया था जैसे तुमने, दिल धीरे - धीरे...
हां, छोडूंगा सांसे मैं, वैसे ही धीरे - धीरे,
मोडूंगा तुमसे मैं मुंह, कुछ यूं धीरे - धीरे...
जैसे जाता है चांद ज़मीं से, दूर धीरे - धीरे,
चला जाउंगा मैं दूर, कुछ यूं धीरे - धीरे...
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