याद है क्या तुम्हे अपनी वो पहली मुलाकात। कितने जतनो से हुई थी अपनी बात। आज भी जब वो दिन याद आता है तो मानो ऐसा लगता है जैसे कुछ पल पहले की थी बात। और अब देख लो बिना बात किए तीन साल हो गए आज भी तू वैसे ही याद है मुझे जैसे पहले था। आज भी तेरी तस्वीर देख कर दिल की धड़कन तेज हो जाती है। आज भी तेरा नंबर याद है मुझे, आज भी तेरी हर बात याद है मुझे। अच्छा सुन कभी मिलने का मोका मिला तो पहचान लोगे ना।
एहसासों का गला दबाकर, अपनी एक नई दुनिया बनाकर। अब बात भी किस्तों में करते हैं, किसी और को दिल में बसा कर। हम मांगे अगर हक अपना, तो चुप करा देते है आंखे दिखा कर। मजबूरी हमारी समझे ना वो, दर्द अपना बता गए आंसू बहा कर।।
तेरी बातों को भुला पाते, तो शायद तेरी यादों को मिटा पाते। तेरी यादों को मिटा पाते, तो शायद दिल को समझा पाते। दिल को समझा पाते, तो शायद पलकों को भीगने से बचा पाते। पलको को भीगने से बचा पाते, तो शायद तेरी बातो को भुला पाते।।
जब दिल किया बात करली, वरना ब्लॉक का ऑप्शन हैं ना। खुद की फीलिंग्स प्यारी लगी, मेरे लिए ब्लॉक का ऑप्शन हैं ना। कितना आसान होता है इग्नोर करना कभी उसका सोचा है जो इग्नोर हो रहा है।।
मिले वर्षो बाद और मेरा एक मजाक भी ना सह सके। कहते है की मोहब्बत बेपनाह है मुझसे और एक दिन भी ना साथ रह सके। पहचान जाते थे जो मेरी बातो से मेरे मिजाज को आज वो छोटी सी बात को दिल से लगा गए और हम कुछ कह भी ना सके।
गैरों की बातें अब उसे सच्ची लगती हैं। मेरी मोहब्बत उसे पुरानी गलती लगती हैं। किसी ने कहा भूल जा मुझे और अब वो अपने नए सपनो की राह पर मेरे बिना चलती हैं।🙂🙂🙂
थोड़े नाटक करती है वो, जब मन भर जाता है गैरो से तो मेरी होने का दावा करती है वो। आंखों में आंसु लाती है, और अपनी बातों में मोहब्बत का दिखावा करती हैं वो।।