जब सपने हमारे खुद के बुने हुए हैं।
जब राह हमने खुद चुने है।
किस बात का गिला है
जब खुदकी तकदीर बदली जा सकती हैं ,
थोड़ी महन्त और सही,
हौसला थोड़ी ना कम हो रही।।
और बुलंद बने चलो अब सिर्फ आगे बड़े चलो,
डरो नहीं रुको नहीं,,
किसी बात का अब गिला नहीं।।
सफलता के शिखर छू ना लेने तक,
कदम अब हमारे रुके नहीं।।
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