कुछ मेरे तो कुछ आपके जज़्बात हैं बातों में हमारी इक दूजे को समझें ऐसे एहसास हैं हाँ माना के इंतज़ार करना है अभी कई पहरोन का फिर सोचा बीत जाएंगे ये पल यूँ ही क्यूंकि मंज़िल मेरी बहुत खास है
इन आँखों की मस्ती मानो बेहता सा झरना चेहरे की मुस्कुराहट जैसे चाँद का आहें भरना प्यारी तो ऐसे हो जैसे गुलिस्ताँ जैसे आवाज़ मीठी इतनी मानो कोयल की कूक जैसे ज़ुल्फ़ें भी मानो ठंडी हवा सा एहसास जब दिल से पहचाना तो ये जाना कि आप हैं कुछ खास...
इन आँखों की मस्ती मानो बेहता सा झरना चेहरे की मुस्कुराहट जैसे चाँद का आहें भरना प्यारी तो ऐसे हो जैसे गुलिस्ताँ जैसे आवाज़ मीठी इतनी मानो कोयल की कूक जैसे ज़ुल्फ़ें भी मानो ठंडी हवा सा एहसास जब दिल से पहचाना तो ये जाना कि आप हैं कुछ खास...
इन आँखों की मस्ती मानो बेहता सा झरना चेहरे की मुस्कुराहट जैसे चाँद का आहें भरना प्यारी तो ऐसे हो जैसे गुलिस्ताँ जैसे आवाज़ मीठी इतनी मानो कोयल की कूक जैसे ज़ुल्फ़ें भी मानो ठंडी हवा सा एहसास जब दिल से पहचाना तो ये जाना कि आप हैं कुछ खास...
इन आँखों की मस्ती मानो बेहता सा झरना चेहरे की मुस्कुराहट जैसे चाँद का आहें भरना प्यारी तो ऐसे हो जैसे गुलिस्ताँ जैसे आवाज़ मीठी इतनी मानो कोयल की कूक जैसे ज़ुल्फ़ें भी मानो ठंडी हवा सा एहसास जब दिल से पहचाना तो ये जाना कि आप हैं कुछ खास...
इन आँखों की मस्ती मानो बेहता सा झरना चेहरे की मुस्कुराहट जैसे चाँद का आहें भरना प्यारी तो ऐसे हो जैसे गुलिस्ताँ जैसे आवाज़ मीठी इतनी मानो कोयल की कूक जैसे ज़ुल्फ़ें भी मानो ठंडी हवा सा एहसास जब दिल से पहचाना तो ये जाना कि आप हैं कुछ खास...
इन आँखों की मस्ती मानो बेहता सा झरना चेहरे की मुस्कुराहट जैसे चाँद का आहें भरना प्यारी तो ऐसे हो जैसे गुलिस्ताँ जैसे आवाज़ मीठी इतनी मानो कोयल की कूक जैसे ज़ुल्फ़ें भी मानो ठंडी हवा सा एहसास जब दिल से पहचाना तो ये जाना कि आप हैं कुछ खास...
किसी ने नहीं जाना मेरा लड़कपन से दूर जाना नहीं जाना किसी ने मेरा अपनी इच्छाओं से आँखें चुराना बस जाना तो मेरा बदलना नहीं जाना किसी ने मेरा लड़खड़ाना ....