एक बार फिर
कुछ चाहने की इच्छा है
दिल से तुम्हे पाने की इच्छा है
नाराज़ ना होना मुझसे मेरी जां,
क्योंकि तुम्हे एक बार फिर सताने की इच्छा है
तुमसे लड़ कर रूठ जाऊ
कुछ इस तरह से हक़ जताने की इच्छा है
यूंही बैठे रहें हम खामोश साथ मैं
इस खामोशी में फिर डूब जाने की इच्छा है
चार कदम से भी ज़्यादा
साथ चलू मैं तुम्हारे,
आखरी सांस तक साथ निभाने की इच्छा है
एक बार फिर.........
एक बार फिर.........
और एक बार फिर ......
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