उस जहाँ का करेगा क्या कोई जिस जहाँ में न आश्ना कोई आपका तो ये है जहाँ सारा मेरा रब के नही सिवा कोई आसमाँ को यूँ देखते हो क्यों आसमाँ से क्या आ रहा कोई कोई सीने से गैर हाजिर है जाओ जाकर करो पता कोई चाँद तारों की देखो ज़िद छोडो चाँद तारे न ला सका कोई ऐब ही ऐब हैं फक़त मुझमें तुमसा साजिद न पारसा कोई -
उस जहाँ का करेगा क्या कोई जिस जहाँ में न आश्ना कोई आपका तो ये है जहाँ सारा मेरा रब के नही सिवा कोई आसमाँ को यूँ देखते हो क्यों आसमाँ से क्या आ रहा कोई कोई सीने से गैर हाजिर है जाओ जाकर करो पता कोई चाँद तारों की देखो ज़िद छोडो चाँद तारे न ला सका कोई ऐब ही ऐब हैं फक़त मुझमें तुमसा साजिद न पारसा कोई
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अगर खालिस हवा होती तो वो छत पर निकल आते हवा भी आई तो कुछ धूल पत्ते साथ ले आईاگر خالص ہوا ہوتی تو وہ چھت پر نکل آتے ہوا بھی آئی تو کچھ دھول پتّے ساتھ لی آئ -
अगर खालिस हवा होती तो वो छत पर निकल आते हवा भी आई तो कुछ धूल पत्ते साथ ले आईاگر خالص ہوا ہوتی تو وہ چھت پر نکل آتے ہوا بھی آئی تو کچھ دھول پتّے ساتھ لی آئ
माना के चार रोज़ की होती है ज़िन्दगी ये कैसे चार रोज़ जो काटे नही कटते -
माना के चार रोज़ की होती है ज़िन्दगी ये कैसे चार रोज़ जो काटे नही कटते
बीच मझधार में ये वापसी की ज़िद कैसीतुमको कुछ दूर ही चलकर के उतर जाना था -
बीच मझधार में ये वापसी की ज़िद कैसीतुमको कुछ दूर ही चलकर के उतर जाना था
दिल ने हर शख्स को दिल में ही बसाना चाहादिल है शीशे का तो शीशे का बिखर जाना था -
दिल ने हर शख्स को दिल में ही बसाना चाहादिल है शीशे का तो शीशे का बिखर जाना था
ज़िन्दगी ने तुम्हे थका डाला ?तुमने शायद खुदा भुला डाला! زندگی نے تمہیں تھکا ڈالا ؟تمنے شائد خدا بھلا ڈالا ! -
ज़िन्दगी ने तुम्हे थका डाला ?तुमने शायद खुदा भुला डाला! زندگی نے تمہیں تھکا ڈالا ؟تمنے شائد خدا بھلا ڈالا !
दिल जो धडके तो जान लेते शायद उनका ख्याल आया हो -
दिल जो धडके तो जान लेते शायद उनका ख्याल आया हो
बिन तेरे यार कैसे सवारूँ मैं ज़िंदगी अब तू ही बता कैसे गुज़ारूँ मैं ज़िंदगी -
बिन तेरे यार कैसे सवारूँ मैं ज़िंदगी अब तू ही बता कैसे गुज़ारूँ मैं ज़िंदगी
खुद को क्या से क्या बना कर रख दिया आइना देखा हटा कर रख दिया उनकी राहों में उजाले के लिए हमने खुद को ही जला कर रख दिया दूसरे दिन ही सही आये तो हमतुमने दो दिन में भुला कर रख दिया फोन आया आप के घर आ रहेइतना सुन के घर हिला कर रख दिया फ़िक्र साजिद रोज़े महशर की करोतुमने क्या ऐसा कमा कर रख दिया -
खुद को क्या से क्या बना कर रख दिया आइना देखा हटा कर रख दिया उनकी राहों में उजाले के लिए हमने खुद को ही जला कर रख दिया दूसरे दिन ही सही आये तो हमतुमने दो दिन में भुला कर रख दिया फोन आया आप के घर आ रहेइतना सुन के घर हिला कर रख दिया फ़िक्र साजिद रोज़े महशर की करोतुमने क्या ऐसा कमा कर रख दिया
जिसको जाना है वो जिधर जाएजिसका दिल हो तो वो ठहर जाएफिर ख्यालों में भी नही आतेदिल से इक बार जो उतर जाये टूट कर अब ये दिल संभल जाता अब जो शीशा नहीं बिखर जाए -
जिसको जाना है वो जिधर जाएजिसका दिल हो तो वो ठहर जाएफिर ख्यालों में भी नही आतेदिल से इक बार जो उतर जाये टूट कर अब ये दिल संभल जाता अब जो शीशा नहीं बिखर जाए