Mohammad Zeeshan  
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Joined 25 August 2020


Joined 25 August 2020
21 MAR 2023 AT 13:09

न रोए हम ति‘ री ख़ातिर और न ही तड़पे हैं हम तेरे लिए,,
बल्कि “तेरे जाने के बाद" हमने ख़ुद को बहुत शाद किया है,,

कि, संवारा है और भी अपने आपको हमनें तेरे चले जाने के बाद,,
बाक़ी, गैरों की तरह न हमनें यूं ही ख़ुदको तेरे लिए बर्बाद किया है,,

हम वाकीफ़ हैं आज तुझ से कि, आज हमें याद भी नहीं करता है,,
हमनें भला अब तक कौन सा तुझे सुबह से शाम तक याद किया है,,

तेरी बातों और तेरी यादों की सदा को हमनें ख़ुद के क़रीब न आने दिया
क्योंकि तेरी यादों को ही हमनें अपनी कामयाबी की बुनियाद किया है,,

आज हर शख़्स, हर बच्चा जानता है हमें हमारी क़ाबिलियत से ही,,
लिख,लिख सुनाया है अपनी शायरी को उन्होनें ख़ूब इरशाद किया है।।

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7 OCT 2022 AT 23:13

हैं हम तुम्हारे इश्क़ के नशे में चूर और यह,,
नशा हमारा ता उम्र तक भी नहीं उतरने वाला है,,

शायद तुम को यह ख़बर तक न होगी कि, तुम्हारा यह,,
आशिक़ इक तुम्हारी ख़ातिर किस हद से गुज़रने वाला है,,

हमको मिल गया है जबसे तुम्हारा हाथ और तुम्हारा साथ,,
हमें मालूम है कि, अब हमारा हर लम्हा संवारने वाला है,,

अब लाख़ ज़माना खिलाफ़ हो जाए हम दोनों के दामियान,,
क्योंकि हम ज़माने से नहीं बल्कि ज़माना हमसे डरने वाला है,,

कलको अगर हमें इस ज़माने के सामने मोहब्बत का इज़हार करना,,
पड़े, तो हम तैयार हैं, तुम्हारा यह आशिक़ अब नहीं मुकरने वाला है!!

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30 JUL 2022 AT 12:28

जब कोई अनजान हमारा सच्चा दोस्त बन जाता है,,
फ़िर हर पल और हर क़दम पे साथ निभाता है दोस्त,,

ज़िन्दगी की राहें कितनी भी मुश्किलों से भर न जाएँ,,
मगर वो हर दम और हर डगर पर काम आता है दोस्त,,

ऐसा लगता है कि, हमें दुनिया की सारी नेमतें मिल गयीं,,
जब कोई ग़ैर हमें भाई की शक्ल में नज़र आता है दोस्त,,

हमें जब कभी भी दोस्ती के अपने क़िस्से सुनाते हैं लोग,,
भर आती है आँख और फिर,बहुत याद आता है वो दोस्त,,

जो ग़र हमारे न होते हुए भी वो ग़ैरों से लड़ जाए हमारे लिए,,
तभी वो जा कर एक सच्चा सा दोस्त कहलाता है वो दोस्त !!

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20 JUL 2022 AT 14:51

ये जो चाय का प्याला है,,
इसका घूंट घूंट निराला है!!

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10 JUL 2022 AT 13:29

ख़्वाहिश नहीं रही किसी और चीज़ की,,
अब तो मेरी हर इक ख़्वाहिश पूरी हो गई,,,

कैसे बयां करूं अपने लफ़्ज़ों में कि,,
वो मेरे लिए कितना ज़रूरी हो गई ।।

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8 JUL 2022 AT 13:12

मांगते हैं जब जब दुआ, तब तब
दुआओं में तुम्हारा ज़िक्र होता है,,

कि बख़्शा है ख़ुद खुदा ने मुझे तुमको
इसलिए तो मेरा उसे हर वक्त शुक्र होता है!!

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5 JUL 2022 AT 15:46

दोस्त हैं मेरे और उनकी दोस्ती मेरी शान है,,
जो कर दें जां भी कुर्बान ऐसी उनकी पहचान है,,

नहीं जिनको चाहत न दौलत और न ही शोहरत की,,
कर देते हैं अपनी दौलत भी कुर्बां ऐसा उनका इमान है,,

कभी कभी कर जाते हैं शरारत वो थोड़ा सा क्यों कि,,
वो भी एक मासूम बच्चे की तरह ही बिल्कुल नादान है,,

जिन्हें कभी भी मेरा छोड़ कर जाने का दिल करता है,,
क्यों कि एक वही तो हैं जिनमें मेरी बसती जान है !!

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3 JUL 2022 AT 21:46

कि, न खोलो तुम अपनी हया और वफ़ा का पर्दा,,
तुम अपनी आंखों को ज़ुबां ही ज़ुबां होने दो,,

बसा लो तुम हमें अपनी बाहों में इस क़दर कि,,
तुम हमें अपनी दिल,धड़कन और रूह में शुमार होने दो,,

नहीं आना चाहते हम ता उम्र तक भी होश में तुम हमें,,
बस अपने ख़्यालों में बस अपने ख़्यालों में खोया रहने दो,,

कई दिनों से कहना तो बहुत कुछ चाहते हैं हम तुम से,,
मगर, हमारे दिल ने कहा छोड़ो जाने दो, आज रहने दो,,

लोग कहते हैं कि, दूरियां बढ़ाने से इश्क़ में दर्द होता है,,
कुछ तो तुम इस ना–चीज़ को भी कभी कभी सहने दो,,

नादान परिंदे हैं हम न दो हमारे अरमानों को ज़रा भी पंख,,
मिट्टी से बनें हैं इसलिए हमें इस मिट्टी में ही मिला रहने दो!!

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22 JUN 2022 AT 15:16

कहता है वो मुझसे कि, मुझे आपसे मोहब्बत,,
बहुत है,और मैं इस बात से इंकार नहीं कर सकता,,

आप मेरी मोहब्बत को ख़ामोशी में समझो क्यों कि,,
मैं अपनी मोहब्बत का कभी इज़हार नहीं कर सकता,,

मैं दफना सकता हूं हमारी मोहब्बत को मज़ार के तले,,
मगर मैं अपने घर की इज़्ज़त पे वार नहीं कर सकता,,

मेरी आपसे कोई शिकवा शिकायत और न ही गिला है,,
इतनी सी बात है मैं घर के आंगन में दरार नहीं कर सकता

आख़िर छोड़ कैसे दूं मैं अपने मां बाप की खिदमत करना,,
क्यों कि, अब अपनी जन्नत को मैं ख़राब कर नहीं सकता!!

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21 JUN 2022 AT 21:27

छोड़ा ग़र तुमने हमें तो हम किधर जाएंगे,,
ढूंढेंने को तुमको ही हम दर ब दर जाएंगें,,

ए–हमसफ़र तुम ही तो हो ज़िंदगी का हिस्सा,,
रूठे तुम हमसे अगर तो हम बिन तेरे मर जाएंगे,,

बस एक तुम्हारे साथ ने संभाला हुआ है हमें,,
हम दोनों बिछड़े कभी को तो हम बिखर जाएंगे,,

जो तुम हमें दोगे साथ अपना ता उम्र के लिए तो फ़िर,,
हम इस दुनिया की सारी परेशानियों से गुज़र जायेंगे,,

बे– शक हमारा और तुम्हारा शायद मुकम्मल न हो सके,,
मगर जाते जाते हम इक मुकम्मल इश्क़ कर जाएंगे,,

तुमको अगर मिटाना है मेरा नाम अपने दिल से तो मिटा दो,,
और जो हमनें मिटाया तो हम अपनी ही नज़रों में गिर जाएंगे!!

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