Miss _kriti❤️   (Sj_Sanskriti "सफर"♡)
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Joined 16 May 2020


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Joined 16 May 2020
2 JAN 2023 AT 15:00

कोरे पन्ने की कशमकश कौन जाने हैं,
मन हैं, बाबरा खुद की कहा माने हैं!
मैं ना रूठूं खुद से, दिल दुसरो को कुसुर बार माने हैं!
दिल ले भागा मेरा, छलकी स्याही ना जाने किसे रंग कर माने हैं. ...

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27 FEB 2022 AT 20:37

आज के वक्त भोले लोगों के किरदार कहां समझा
जाता हैं,
उन्हें पागल ठहरा दिया जाता हैं।
ये दुनियां हैं, साहब यहां चलने कहा दिया जाता हैं,
पैर फंसा-फंसा गिरा दिया जाता हैं।— % &

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27 FEB 2022 AT 20:35

जिसने जुबान खोला हैं,
सिर्फ वही ज़माने के जेल से रिहा किया गया हैं।।— % &

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27 FEB 2022 AT 20:33

ऐ स्त्री-

आज भी तु इस ज़माने के बारे में सोचती हैं,
फिर ज़माने में मिलकर ज़माने को टोकती हैं।
कदम आगे बढ़ाये तो लांछन लगा रोकती हैं,
मर्द को दुश्मन बता ख़ुद- ही- खुद को
अग्निपथ पर झोंकती हैं।
संघर्ष महानता बता आज भी तु खुद के बारे
में नहीं सोचती हैं,
लेकिन फिर क्यों तु इस ज़माने को कोसती हैं।— % &

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30 SEP 2021 AT 19:47

dedicated to Ma,Pa...


मंजिल बड़ी रिश्वत सी लेने लगी हैं,
"नाम" लेते ही हर उलझन सुलझाने लग जाती हैं।।।

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13 SEP 2021 AT 23:51

मां की ममता ने मुझे कोमल फ़ूल सा बनाया
और पिता के हौसले ने गुलाब का उदाहरण
देकर काॅटे सहन करना सिखाया,❤️

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17 AUG 2021 AT 21:37

होनी को कोई टाल नहीं सकता
अनहोनी को सम्भाल नहीं सकता

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22 JUL 2021 AT 16:43

*मेरी अंतिम बिदाई)-*
*रो* रहे थे वो सब, जिन्होंने मुझे *रुलाया* था!
पहना दिये मुझे *नए कपड़े* , जैसे मेरा *जन्मदिन* मनाया जा रहा था!
मुझे हर *नई चीजे* मिली जैसे कोई *खुशी* दिखाया जा रहा था!
मेरी *निंद्रा अवस्था* से मुझे बार-बार *जगाया* जा रहा था!
*सब* पास खड़े थे मेरे, जिन्होंने कभी *'वक्त नही हैं'* यह बात *समझाया* था, हर बार *बुरे वक्त* पर बहाना कर पिछा *छुटवाया* था!
किसी ने देखा नही मुझे *स्वर्ग* मिला या *नर्क* फिर भी मुझे *स्वर्गवासी* बुलाया जा रहा था!
वापस *पिछे* ना आंऊ इसलिए एक-एक *क्रिया क्रम* निपटाया जा रहा था!
जल कर *राख* हो चुकी थी, फिर भी मुझे *गंगा* में बहाया जा रहा था!
बाद मे पता चला *कितनो* के *कितने* काम जुड़े थे मुझसे, इसलिए *आंसू* बहाया जा रहा था!-kriti_jha"SAFAR"

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20 JUN 2021 AT 20:27

मैंने चांद मांगा तो मेरी
नसीब चांद सा कर दिया आपने पापा
कभी प्यार से तो कभी डांट कर हर
मुश्किलें चुटकीयों हल कर दिया आपने
पापा मेरी जिंदगी कांटों से घिरी रही हैं
पर आपने उसमें गुलाब सा रंग भर
दिया हैं पापा...🙏
Happy Father's day ❤️

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20 JUN 2021 AT 11:31

चोट!!
एक चोट! अतीत की यादों में डूबा देती हैं।
एक चोट! जिंदगी बदलवा देती हैं।
एक चोट! आगे बढ़ने का जज़्बा दिलवा देती हैं।
एक चोट! अपनी गलती याद दिला देती हैं।
एक चोट! मंजिल तक पहुंचा देती हैं।
एक चोट! खुद की पहचान दिला देती हैं।
बस एक चोट राजा को रंक और रंक को
राजा बना देती हैं।

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