ये मेरी मर्जी है कि जब चाहे में गहना पहनु
ये मेरी मर्जी है जब चाहे पकडू हथियार,
मैं रानी लक्ष्मी बन सकती हूं ये तू मान ले
कलम मेरी तलवार है, ये भी जान ले।
कोशिश कितनी भी करले दुश्मन जीतेगा नही
ये भारतीय नारी है आसानी से हारेगी नही,
भारतीय वीरांगनाओं की शक्ति का ज्ञान ले
कलम मेरी तलवार है, ये भी जान ले।
न जाने तू, क्या है शक्ति स्त्री के अस्तित्व की
सुनी होगी कहानियां तो पन्ना के मातृत्व की,
जो कर सकते है हम, उस पर क्यों न अभिमान ले
कलम मेरी तलवार है, ये भी जान ले।
पति की खातिर हाड़ा ने, सर अपना काट लिया
रानी पद्मावत ने भी था जौहर कर लिया,
मुगलों के घर चली गयी जोधा को जान ले
कलम मेरी तलवार है ये भी मान ले।
झलकारीबाई जो बस, रानी की हमशक्ल थी
बनकर झांसी की रानी जिसने अपनी जान दी,
संघर्ष करते रहना वीरांगनाओ की बान है
कलम मेरी तलवार है, ये भी जान ले।।
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