खालीपन,
कुछ यूँ कह लो ,
के अजीब है,
कुछ सवाल जैसे सवाल ही रहने दिया जाए,
तो अच्छा है,
इसी तरह खालीपन को खाली ही रहने दिया जाए, तो अच्छा है,
जैसे सवालों के जवाब पाकर ,
मन उथल पुथल मचाता है ,
चाहे फ़िर वो खुशी हो या दुख या खालीपन,
वैसे ही खालीपन को खाली ही रहने दिया जाए तो अच्छा,
न जाने कब भर उसे झंझोड़ दिया जाए या मचलता हुआ छोड़ दिया जाए,
बेहतर है के इसे खाली ही रहने दिया जाए,
सखी सा है जुदा न किया जाए तो भला है,
क्यों उखड़े मन से और उखड़ा दिया जाए,
कुछ अजीब होगा,अगर कामना को पूरी करने में खालीपन को भरा जाए,
उसके बाद तुम शून्य पाओगे खुद को,
तो बेहतर है खालीपन ही रहने दिया जाए,
खालीपन बस अजीब सा खाली है।।।
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