रो भी ना सकते
ना हस सकते है
दिल की कुछ बात है ऐसी
ना किसिसे कह सकते है
कहने को तो लाखों बातें है
पर जुबा से ना बयां कर पाते है
आरजू तो तुम्हे पाने की है
पर चाह के भी अब तुम्हे पा नहीं सकते है
तुम्हे देखने की, तुमसे मिलने की
आखरी उम्मीद भी अब मर सी गई है
प्यार में मिलता है बस दर्द
अब इस बात पे यकीन सा होने लगा है
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